जनपद कुशीनगर के दुदही ब्लॉक अन्तर्गत दुदही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में आशा बहनों द्वारा छः सुत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया और सीएचसी प्रभारी को ज्ञापन सौंपा गया। पिछले कई वर्ष से उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन अपनी बुनियादी मांगों और समस्याओं को विभिन्न तरीकों से उठाकर आपसे समाधान की याचना करती रही है। किंतु बार बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद कोई आशा कर्मियों के प्रश्न को सुनने को भी तैयार नहीं है, उनके ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, किंतु उनको दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशियों का अता पता नहीं रहता। 50 से अधिक काम लिए जाते हैं, उनका कोई भुगतान उन्हें नहीं मिलता। जिन दो चार कार्यों की प्रोत्साहन राशियां दी भी जाती हैं, उनका निर्धारण वर्षों पूर्व किया गया था, उनके श्रम के सापेक्ष उन दरों कमी कोई पुनर्निर्धारण नहीं किया गया। ज्ञातव्य है कि भविष्य निधि, बेड्युटी, किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा, यहां तक की साप्ताहिक वार्षिक वार्षिक अवकाश तथा एक दिन का भी मातृत्व अवकाश तक नही दिया जाता। इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए विवस होकर पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। आज आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय आह्वान पर अपनी मांगो की और आपका ध्यान आकर्षित करते हुए यह ज्ञापन प्रस्तुत है। 1_ 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप संगिनी और आशा कर्मियों को राज्य स्वास्थ्यकर्मी के रूप में मान्यता देकर उन्हें न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश कार्यस्थलों में सुरक्षा की गारंटी की जाय और जब तक इसका क्रियान्वयन न हो तब तक आशा और संगिनी को मिलने वाली राशि को प्रोत्साहन राशि के बजाय उसे मानदेय के रूप में संबोधित किया जाय। तथा उसके भुगतान की प्रणाली में आमूल चूल परिवर्तन करते हुए स्थाई भुगतान न्यूनतम वेतन के बराबर किया जाय । 2_46 वे भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुसार सभी आशा कर्मियों व संगीनियो को कर्मचारी भविष्यनिधि ( ई पी एफ) व राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) का सदस्य बनाया जाय वा विना पेंशन व ग्रेच्युटी के भुगतान किसी भी आशा कमी को सेवा से निवृत न किया जाए। ज्ञातब्य की हरियाणा में सेवा निवृत्ति पर 2 लाख ग्रेड्यूटी के रूप में भुगतान का प्रावधान किया गया है। 3_ वर्ष 2015से सब तक सेवा के दौरान दुर्घटनाओं में और अन्य कारणों से जान गंवाने वाली आशा व आशा संगीनियो के आश्रित को 20 लाख मुवावज़ा दिया जाए, व अशक्त हो गई आशा व संगीनियों को 10,000/ रु मासिक पेंशन दी जाय। 4_सभी आशा व आशा संगीनियों को रु 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा व रु 50 लाख का जीवन बीमा कवर दिया जाए । 5_ सरकार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कार्य योजना बनाते समय मानव क्षमता के अनुरूप वैज्ञानिक आधार पर कार्य निर्धारण किया जाय। साथ ही आशा और संगिनी के कार्य की सीमा और कार्य के घंटे निर्धारित किए जाएं। 5_ आशा व आशा संगिनी को साप्ताहिक अवकाश, त्योहारी व राष्ट्रीय अवकाश सुनिश्चित किए जाएं। मौके पर आशा रीता पटेल ( जिलाध्यक्ष ) गीता सिंह कोषाध्यक्ष, सबिता सिंह महामंत्री, सुनीता सिंह सचिव, शीला राय आशा संगिनी, उर्मिला कुशवाहा, शांति देवी, किरण शर्मा, कुम कुम, शैलेश देवी, अनिता यादव, अनिता कुशवाहा, सुनैना, पूनम पटेल, मेनिका, शंध्या, गीता, सबिता, अनिता,मनोरमा, रीता मिश्रा, रीता राय, ममता राय, सुभावती राय, रूबी, अंजलि राय, सुगंती, एव समस्त आशाएं उपस्थित रही।