श्रीमद भागवत कथा में भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता का सुनाया प्रसंग बेनीगंज/हरदोई_अहिरोरी के काईमऊ गांव में अनवरत चल रही सात दिवसीय विराट श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शुक्रवार को महाशिव रात्रि के शुभ अवसर पर स्थानीय मां भगवती बाला जी दरबार प्रांगण के नव निर्मित मंदिर में अंजनी पुत्र हनुमान व संपूर्ण शिव परिवार की मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा की गई। तत्पश्चात कथा व्यास अनमोल कृष्ण शास्त्री ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास अनमोल कृष्ण ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए और उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की मनमोहक झांकी पर फूलों की वर्षा की। इस मौके पर आचार्य करुणा शंकर त्रिवेदी अचार्य पंडित भगवन कृष्ण शास्त्री, डाक्टर अनुज गुप्ता, हर्ष वर्धन सिंह, शिव कुमार तिवारी, राज कुमार तिवारी, चन्द्र कुमार तिवारी, रवींद्र कुमार तिवारी, पिंटू तिवारी, हरी प्रकाश तिवारी, इंजीनियर सिद्धांत तिवारी, निर्भय सिंह, कुलदीप त्रिपाठी, गौरव पांडे, विमलेश द्विवेदी, मनीष द्विवेदी, आदर्श द्विवेदी, अभिषेक तिवारी, पंकज अवस्थी, अनुज तिवारी, अखिलेश द्विवेदी, रजनीश तिवारी, अंकित तिवारी, प्रसांत त्रिपाठी, शिवम तिवारी, सूरज तिवारी, सत्यम कुमार सहित हजारों महिला पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।