*हरदोई: चार ग्राम पंचायतों ने नहीं दिया खर्च का हिसाब* *सात साल में ऑडिट आपत्तियों का निराकरण न कराने और खर्च का हिसाब-किताब न देने पर तत्कालीन जिम्मेदारों पर कार्रवाई शुरू की गई है। विकास खंड कोथावां की चार ग्राम पंचायतों ने 48.92 लाख से अधिक का हिसाब-किताब नहीं दिया है।* डीपीआरओ ने वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। गांवों में विकास कार्यों के नाम पर खर्च होने वाली राशि के ऑडिट में मिलने वाली गड़बड़ी पर गांवों के जिम्मेदार न तो ऑडिट आपत्तियों का निराकरण करा रहे हैं और न ही कोई इसका हिसाब-किबात दे रहे हैं। लेखा परीक्षा कार्यालय और पंचायतीराज विभाग की नोटिस पर भी जिम्मेदारों ने कोई जवाब नहीं दिया है। लेखा परीक्षा विभाग ने ऑडिट आपत्तियों के निराकरण न होने की जानकारी शासन को भी दी है। पंचायतीराज विभाग को दी गई रिपोर्ट में तत्कालीन जिम्मेदारों से वसूली की संस्तुति की है। वर्ष 2016-17 में विकास खंड कोथावां की ग्राम पंचायत रायपुर सोमवंशी में 12,44,362 रुपये का हिसाब-किताब नहीं मिला था। तत्कालीन प्रधान कामिनी और नरामदनापुर में 14,08,165 रुपये की गड़बड़ी के लिए तत्कालीन प्रधान वीरेंद्र कुमार और पंचायत सचिव राजेश कुमार को दोषी बताया गया है। पंचायत सचिव की मौत हो चुकी है। भीखपुर ऐमा में 14,38,717 रुपये की गड़बड़ी के लिए तत्कालीन प्रधान सियाराम और ऊगपुर में 8,00,775 रुपये की गड़बड़ी के लिए तत्कालीन प्रधान शिवकुमार और दोनों पंचायतों के तत्कालीन और वर्तमान में अहररोरी में तैनात पंचायत सचिव नीरज मिश्रा को दोषी बताया गया है। डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि सहायक विकास अधिकारियों के माध्यम से दोषियों को वसूली के नोटिस जारी किए गए है। जवाब न आने पर वसूली की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।