उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज की सजगता से सौहार्द का ताना-बाना बचाए रखना संभव है। सजगता से आशय है समाज के प्रत्येक सदस्य का सचेत और जिम्मेदार होना। जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा मिलता है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लड़कियों और महिलाओं का लापता होना एक गंभीर समस्या है। यह समाज में चिंता का विषय है। इस समस्या के प्रमुख कारण हैं - मानव तस्करी,घरेलू हिंसा,जबरन विवाह और सामाजिक दबाव। लड़कियों और महिलाओं को मानव तस्करी द्वारा वैश्यावृति,बंधुआ मजदूरी सहित अन्य कार्यों के लिए बेचा जाता है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं अपने घर से भागने को मजबूर होती हैं

खजनी गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र के खजनी ब्लॉक के दो गांवों विश्वनाथपुर और केवटली में पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार कृषि विभाग द्वारा चौपाल लगाकर किसानों को उनकी फसलों की रक्षा तथा पैदावार बढ़ाने के लिए बेहतर प्रबंधन के दर्जनों उपाय बताए गए। कृषि विभाग की तरफ से पीपीएस सुधीर कुमार ने फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाने वाले तथा संचारी रोग फैलाने वाले चूहे, छछुंदर और कीट पतंगों से बचाव के दर्जनों उपाय बताए। राजकीय कृषि रक्षा इकाई पर उपलब्ध रसायनों एवं घरेलू उपायों की विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गईं। टीएसी प्रभात कुमार ने किसानों को फसलों का बीमा कराने की जानकारी दी। वहीं सहायक विकास अधिकारी कृषि कमलेश सिंह ने उपस्थित किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सोलर पंप लगाने, सिंचाई के लिए पानी की बर्बादी रोकने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने,मोटे अनाजों मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने और पशुपालन से होने वाले लाभ की जानकारी दी। इस दौरान दोनों गांवों के ग्राम विकास अधिकारी, ग्रामप्रधान सहित स्थानीय ग्रामवासी और किसान उपस्थित रहे।

तीन साल में गायब हुईं 13 लाख लड़कियां-महिलाएं, मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा, यह बात सरकार ने संसद में बताई है। देश में लड़कियों और महिलाओं के गायब होने के लेकर हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 2019 से 2021 के बीच के इन आंकड़ों को सरकार ने संसद में पेश किया है और सदन में बताया है कि किस राज्य में कितनी लड़कियां-महिलाएं गायब हुई हैं। देश में लड़कियों और महिलाओं के गायब होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अलग-अलग राज्यों में हर साल हजारों की संख्या में लड़कियां और महिलाएं लापता हो रही हैं। ये कहां जा रही है, क्या कर रही है, इनके साथ क्या हो रहा है यह किसी को नहीं पता है। पिछले हफ्ते संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इन्हीं से जुड़े कुछ आंकड़े पेश किए गए हैं, जो यह बताते हैं कि 2019 से 2021 के बीच तीन साल में पूरे देश में 13.13 लाख से अधिक लड़की और महिलाएं गायब हुई हैं। सरकार की ओर से संसद में दी गई जानकारी के अनुसार लापता होने वालों में 10,61,648 लड़कियों और महिलाओं की उम्र 18 साल से अधिक थी जबकि 2,51,430 की उम्र 18 साल से कम रही है। लड़कियों के लापता होने के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर जबकि पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर है। सूची में राजधानी दिल्ली का भी नाम शामिल हैं। गायब होने के मामले में ओडिशा, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर राज्य भी पीछे नहीं देश के बाकी केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में दिल्ली में सबसे अधिक लड़कियां गायब हुई हैं। सरकार ने संसद में बताया है कि देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल की गई है। जिसमें यौन अपराधों को रोकने के लिए पहले के कानूनों में संशोधन कर उन्हें और कठोर बनाया गया है। इसके साथ-साथ 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप की घटना में दोषी को मृत्यूदंड समेत और कई कठोर दंडात्मक प्रावधान भी तय किए गए हैं। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से दुनियां भर के देशों में 1.नॉर्वे 2.फिनलैंड 3. आइसलैंड 4.डेनिश 5.लक्जमबर्ग 6.सिंगापुर 7.स्वीडन 8.ऑस्ट्रिया 9.यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड) 10. नीदरलैंड इस सूची में शामिल हैं। वहीं 170 देशों की इस सूची में वर्ष 2021 में भारत 148वें स्थान पर रहा है। साथियों अहम प्रश्न यह है कि देश की जनता को जाति धर्म के आधार पर बांटने के प्रयास में लगा विपक्ष भी इन मौलिक मुद्दों पर कोई बहस नहीं करता। परिवार की माताओं बहनों, बहूओं और बेटियों अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल करने वाला विपक्ष इस मुद्दे पर खामोश रहता है। जबकि लैंगिक भेदभाव समेत तमाम दुश्वारियों और झंझावातों का सामना करते हुए भी देश की महिलाएं लगातार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए पुरूषों को आइना दिखाने में लगी हुई हैं। एक ऐसा महाबली पुरुष समाज जो कि महिलाओं को इस्तेमाल तो करता है किन्तु उन्हें उनके हक़, बराबरी और सुरक्षा नहीं देता। आप को बता दें कि अभी पेरिस में चल रहे विश्व ओलंपिक 2024 में देश के लिए पहला कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर ने रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग के महिला वर्ग के फ़ाइनल में तीसरा स्थान पाया है। 145 करोड़ की आबादी वाले अपने देश को यह गौरव दिलाने वाली एक महिला ही है। विकसित राष्ट्र बनने का सपना देख रहे अपने देश को सबसे पहले महिलाओं के साथ हो रहे सभी प्रकार के भेदभाव को मिटाना होगा उन्हें बराबरी का दर्जा देने के साथ ही उनकी निजता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ने का हर अवसर देना होगा और इसकी पहली शुरुआत देश के हर नागरिक को करनी होगी। साथियों मोबाइल वाणी का मानना है कि "बोलेंगे तो बदलेगा" इसलिए यह विचार और सुझाव आप को कैसा लगा हमें जरूर बताएं।

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गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र में बेतहाशा गर्मी और तीखी धूप से किसानों की फसलें अब सूखने लगी हैं। बीते 15-20 दिनों से इलाके में अच्छी बारिश नहीं हुई है। धान की रोपाई कर चुके किसान पंपिंग सेट और ट्यूबवेल से सिंचाई करके अपनी फसल को बचाने में लगे हुए हैं। लंबे अर्से से बारिश न होने के कारण अब खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं। वहीं मुरझाई हुई धान की फसल को सूखते हुए देख कर किसानों की जान हलक में आ जा रही है। आसमान में बादलों के घिरते ही मायूस किसानों की आंखों में चमक आ जाती है किन्तु कुछ ही देर बाद बारिश न होने पर उनके चेहरे लटक जाते हैं। भिटहां गांव के अरविंद चौरसिया, घिराऊ चौरसिया, बढ़नी के अखिलेश पांडेय, बड़हरा के रामखेलावन यादव, कटघर के रामदरश आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि अगर बारिश नहीं हुई तो धान की फसल सूख कर बर्बाद हो जाएगी। शिक्षक राजेश पांडेय ने कहा कि "का बरखा जब कृषि सुखाने" यह एक बहुत पुरानी कहावत है। इस धूप में धान की फसल यदि सूख गई तो बारिश होने पर भी सड़ जाएगी। किसानों को बहुत घाटा होगा।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू किसानों को धान रोपने के लिए कौन सा विधि ,किस तरह से लगाना है इसकी जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसी भी देश के विकास के लिए महिला शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। लड़कियों और महिलाओं को उचित संसाधन उपलब्ध कराना आवश्यक है। लड़कियों और महिलाओं में अपने देश के आर्थिक विकास में योगदान करने की क्षमता होती है, वे अपने परिवार के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, लड़कियों को शिक्षित करने से जीवन की रक्षा होती है और मजबूत परिवार समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण होता हैं। एक शिक्षित महिला आबादी वाले देश की उत्पादकता को बढ़ाती है और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है। अगर महिलाएं शिक्षित हैं, तो वे अपने घर की सभी समस्याओं का समाधान कर सकती हैं। समाधान यह हो सकता है कि महिला शिक्षा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास में मदद करती है और एक राष्ट्र के आर्थिक विकास और सकल घरेलू उत्पाद के विकास में मदद करती है महिला शिक्षा एक अच्छे समाज के निर्माण में मदद करती है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गाँव की महिलाएं पुरुषों की तुलना में खेती का काम अधिक करती हैं फिर भी उन्हें पुरुषों के तरह महत्व नहीं दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाओं के पास अपने नाम पर जमीन नहीं है और इसका कारण निरक्षरता है क्योंकि गाँव की पचास प्रतिशत महिला आबादी अभी भी निरक्षर है। इसलिए, वे अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ सकते हैं, महिलाएं कुल आबादी का लगभग पचास प्रतिशत हैं, अगर उन्हें अशिक्षित छोड़ दिया जाता है, तो देश का एक बड़ा हिस्सा इसके विकास में योगदान नहीं दे पाएगा। इसलिए महिलाओं को शिक्षित करने पर देश के विकाश को बढ़ावा मिलेगा