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उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राज किशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं का भूमि अधिकार मानव अधिकार है। भूमि तक पहुंचने और उन्हें नियंत्रित करने के सुरक्षित अधिकार और भूमि के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभ घरेलू आय और अवसरों को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। विवाहित महिलाओं पर अपने जीवनसाथी द्वारा पैतृक संपत्ति पर अपने अधिकारों को छोड़ने के लिए लगातार दबाव डाला जाता है।अधिकारों को समझना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह एक अधूरा मानवाधिकार संघर्ष है।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सामाजिक समानता के बारे में हम कहें तो जो समाज में निष्पक्षता और न्याय की अवधारणा पर केंद्रित है। यह विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संसाधनों, अवसरों और विशेषाधिकारों के वितरण की खोज करता है और असमान भेदभाव और हाशिए के मुद्दों को संबोधित करने का लक्ष्य रखता है। व्यक्ति के पास मानवाधिकार है जो विभिन्न तरीकों से उनकी रक्षा करते हैं जैसे कि शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार, वोट देने का अधिकार, संपत्ति रखने का अधिकार और ऐसे कई अधिकार। इन अधिकारों के बावजूद, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं और लड़कियों के साथ अभी भी लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है। सामाजिक समानता समाज के दुर्भाग्यपूर्ण लोगों की पीड़ा को कम करने से अलग है।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अशिक्षित लड़की अपने मूल अधिकारों से वंचित रहती है। सभी लड़की और महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और उनके अधिकारों को सम्मान मिले,यह सुनिश्चित करना चाहिए। लैंगिक भेदभाव अभी भी दुनियां के सभी देशों में व्याप्त है
यह नौकरी उन लोगों के लिए है, जो केंद्रीय रेलवे के द्वारा निकाली गई अपरेंटिस के रिक्त पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं. अपरेंटिस के पदों पर कुल 2424 रिक्तियां निकाली गई हैं। इन पदों पर वेतन मान नियमानुसार दिया जायगा। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं एवं आई टी आई पास किया हो। साथ ही आवेदन कर्ता की आयु 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए । इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 100 रूपये तथा अन्य वर्ग के लोगों महिलाओं एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बिल्कुल निःशुल्क है। इच्छुक उम्मीदवार को अपना आवेदन ऑनलाइन भरना होगा । आवेदनकर्ताओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जायगा । अधिक जानकारी के लिए आवेदन कर्ता इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट है www.rrccr.com । याद रखिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15-08-2024 है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें लड़कियों के अधिकारों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। लड़कियों को शिक्षित होने के बाद अपने अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए प्रोत्साहित करें।हमें कम उम्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक सामग्री पर भी काम करना चाहिए, जिसमें लैंगिक समानता एक प्रमुख विषय है। बच्चों को कम उम्र से ही इस मुद्दे के बारे में जागरूक किया जाता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए सफलता की कुंजी समय से पहले मानकों को बदलना है। इसलिए बचपन की प्रारंभिक शिक्षा आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जमीन के मालिकाना हक़ में बहुत बड़ी असमानताएं हैं। किसान की परिभाषा जमीन के मालिकाना हक़ से जुड़ी है, इसलिए कृषि करने वाली महिलाएं किसान की परिभाषा के दायरे से बाहर हो जाती हैं। 2007 की राष्ट्रीय किसान नीति को अधिक व्यापक और समावेशी बनाया गया । इस नीति दस्तावेज में किसान की परिभाषा फसलों और अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों को उगाने की गतिविधि में लगे व्यक्ति को दी गई है। आजीविका और आर्थिक कमाई एक दूसरे से जुड़े हुए हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारतीय परिपेक्ष्य से सम्पूर्ण सन्दर्भ को देखें तो पाएंगे कि दो प्रकार के व्यवधान महिलाओं को संपत्ति के अधिकारी होने से वंचित करते हैं। पहला पुरुष प्रधान समाज किसी भी परिस्थिति में महिलाओं को प्रभुत्व का सबसे महत्वपूर्ण साधन, यानी भूमि, देने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरा कारण यह है कि महिलाएं स्वयं भावनात्मक कारणों से अपने अधिकार को छोड़ देती हैं।इसके लिए पुरुष उन पर दबाव डालते हैं कि यदि वो सम्पत्ति के लिए कानून का सहारा लेंगी तो उनको पारिवारिक सम्बन्ध तोड़ना होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सामाजिक न्याय और समानता का आधार एक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना है। जहां सभी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के समान अवसर और अधिकार मिलते हैं । अवधारणा इस पर आधारित है कि प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए। चाहे उनकी जाति, लिंग, धर्म, सामाजिक या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है कि संसाधनों और अवसरों को बंटवारा समान रूप से हो, ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में लापता लड़कियों और महिलाओं की समस्या एक गंभीर और बढ़ती हुई चिंता का विषय है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार, मानव तस्करी, जबरन विवाह, घरेलू हिंसा और शोषण सहित विभिन्न कारणों से हर साल हजारों लड़कियां और महिलाएं लापता हो जाती हैं। मानव तस्करी एक प्रमुख कारण है जिसमें लड़कियों और महिलाओं का यौन शोषण किया जाता है और उन्हें बाल श्रम और जबरन श्रम के लिए बेचा जाता है। कई मामलों में गरीब और कमजोर समुदायों की महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। महिलाओं का जबरन शादी के लिए भी अपहरण किया जाता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बाल विवाह अभी भी प्रचलित है। घरेलू हिंसा और शोषण के मामलों में भी, महिलाएं अपने घरों से भाग जाती हैं और कई बार उनको ढूँढना मुश्किल हो जाता है