दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो छात्राओं में हुई जमकर मारपीट। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

यूपी बोर्ड के परीक्षा के दोनों पालियों में 6037 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

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आज के इस दौर में आने वाली पीढ़ी के लिए यह चिंतनीय विषय बन गया है, कि आज हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को किस प्रकार की शिक्षा प्रदान दें। जिससे कि हमारे सभी पक्षों का विकास संभव हो सके। शिक्षा का मूल लक्ष्य मनुष्य के अंदर संस्कार, सद्गुण और आत्मनिर्भर बनाना है। किन्तु आज हम आधिकतर बच्चों को आज की शिक्षा से अमर्यादित, अहंकारी आंधी बनते देखते हैं, इस समय बच्चों में सर्टिफिकेट के लिए होड़ लगी हुई है और तो और आधिकतर लोगों का देखने का नजरिया भी यही है की जो जितने अधिक कागज के टुकड़ों (डीग्रियों) को प्राप्त कर लेता है,समाज के लोगों की नजरों में वह उतना ही महान होता है बाहरी आडंबर के चलते हम अपनी सभ्यता को भूलकर पाश्चात्य  शिक्षा के प्रभाव में स्वयं को उद्दंड स्वभाव वाले बनाने के रास्ते पर चल पड़े हैं। आज बच्चे तर्कहीन मशीन रट्टू तोते बनते जा रहे हैं इस तरह वे अपने बौद्धधिक स्तर का विकास नहीं कर पाते। और समाज में भी पिछड़ जाते हैं। गांधी जी ने “यंग इण्डिया” में लिखा है “विध्यार्थी को राष्ट्र का निर्माता बनना है” हमारी पढ़ाई ऐसी होनी चाहिए जिससे राष्ट्र निर्माण हो सकें, हमारे बच्चे आत्मनिर्भर बन सकें बच्चे निम्न विचारों का त्यागकर सकें। जाती, धर्म, वर्ण,प्रांत,वर्ग, जैसी संकीर्णताओं से बाहर निकल सकें। मानवता का प्रसार हो विध्यार्थियों का मानसिक व शारीरिक विकास हो सके। पढ़ाई या ज्ञान मुख्यतः 2 तरीकों से अच्छी तरह प्राप्त होता है।पहला तरीका है की विद्यार्थी स्वयं प्रेक्टिकल करके देखे,और दूसरा है कि पुस्तकों, ग्रन्थों आदि के द्वारा, दूसरे तरीके से सटीक तरह से सीखना संभव नहीं है क्योकी इस तरह से सीखने में अनुभव नहीं मिल पाता है, दूसरे तरीके से सीखना आसान भी है और इसमें अनुभव भी होता है। किंतु यह तभी संभव है, जब हम किसी बात की प्रायोगिक तरीके से पुष्टि करें। आज हमें ऐसी शिक्षा के अनुशरण करने की जरूरत है जो बच्चों में कौशल विकसित कर सके। इस समय में बेरोजगारी अपना विकराल रूप ले चुकी है। ऐसे में जरूरत है की हम कोई काम या कौशल सीखें जिससे यह समस्या का भी हल हो सके। शिक्षा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक मनुष्यों में दया, प्रेम,अपनत्व,उदारता जैसे गुण विकसित नही हो जाते, क्योंकी इन गुणो के आभाव में मनुष्य मनुष्यता को भूल कर पशुओं से भी विकृत दशा में पहुंच जाता है।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति ने शिक्षकों को साल भर में 50 पेटेंट कराने का दिया लक्ष्य। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुनें धन्यवाद।

गोरखपुर: गोरखपुर जिले में 15 परीक्षार्थीयों ने छोड़ी हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुन धन्यवाद।

गोरखपुर: 5764 परीक्षार्थियों ने छोड़ी यूपी बोर्ड की परीक्षा। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

पेपर लीक होने के कारण विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया

छात्रों की फीस का 30 लाख हड़प्पा केस दर्ज

शोहदों ने किया छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल केस दर्ज कर घटना की जांच में जुटी पुलिस। खजनी गोरखपुर।‌। तहसील क्षेत्र अंतर्गत बांसगांव थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महाविद्यालय की छात्रा का आपत्तिजनक वीडियो फेसबुक पेज पर वायरल कर दिया गया। मनचले शोहदों द्वारा फेसबुक पर वीडियो वायरल करने की जानकारी मिलते ही सहमी छात्रा ने काॅलेज जाना छोड़ दिया है। छात्रा की मां ने बांसगांव थाने में मनचलों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। मामला बांसगांव थाना क्षेत्र के हरनहीं चौकी के एक गांव का है। मनचले शोहदों के द्वारा वीडियो वायरल करने के बाद छात्रा ने काॅलेज जाना बंद कर दिया और सहमी सिमटी सी अपने घर में कैद होकर रह गई है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के एक पीजी कॉलेज में पढ़ती है छात्राएं। वहीं पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और अब पूरी सक्रियता से आरोपीत मनचलों की तलाश में जुट गई है। घटना को लेकर छात्रा के गांव और काॅलेज में चर्चाओं का बाजार गर्म है। मनचले शोहदों की इस हरकत से अपनी बेटियों को काॅलेज में पढ़ने के लिए भेजने वाले अभिभावकों में आक्रोश है। लोग पुलिस की कार्यशैली और महाविद्यालय तथा सोशल मीडिया में बदनाम करने की नीयत से वायरल किए गए आपत्तिजनक वीडियो को लेकर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं‌।