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भारत तेजी से रक्षा के क्षेत्र में हो रहा आत्मनिर्भर

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से फ़ोटो चोरी होने से सम्बंधित जोखिमों के बारे में जानकारी।

घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से संबंधित जोखिमों के बारे में ऑनलाइन पैसों का लेन देन और अपनी वीडियो डालना कितना सुरक्षित है।

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आज की कड़ी में हम सुनेंगे की सोशल मीडिया के द्वारा कैसे हमारी जानकारीयां कहीं और भी जा रही होती है

गोरखपुर। परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के पत्र के क्रम में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के उद्देश्य से, प्रदेश संयोजक, भारतीय चरित्र निर्माण संस्था द्वारा परिवहन विभाग के साथ आज आईटीएम गीडा में सेमिनार का आयोजन किया गया। प्रदेश संयोजक, भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान द्वारा सेमिनार को संबोधित करते हुए अवगत कराया गया कि, “सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मानवीय क्षति को चुनौती के रूप में लेना होगा। मनुष्य के जीवन की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है। सड़क दुर्घटनाओं में काल-कवलित 50 प्रतिशत से ज्यादा युवा हैं। भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान और परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश ने भगवद्गीता के कर्मविज्ञान और न्यायसिद्धांत के दर्शन व शिक्षा को सड़क सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार मानकर लोक संवाद शुरू किया। प्रधानमंत्री मिशन कर्मयोगी योजना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अभ्युदय योजना एवं भगवद्गीता के कर्मविज्ञान के वैज्ञानिक दर्शन को भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान ने देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण का आधार बनाया है। विश्व में समस्या व समाधान के केन्द्र में व्यक्ति के कर्म होते हैं। कर्म के केन्द्र में व्यक्ति की प्रकृति (मनोदशा) होती है। प्रकृति एक त्रिगुणात्मक विश्व व्यवस्था है। सत्, रज और तम ही प्रकृति के मुख्य गुण हैं। गीता वरण का शास्त्र है। गीता में आत्मनिग्रह की बात कही गयी है। यदि व्यक्ति आत्मंथन के द्वारा स्वयं को सद्गुणों में ढाल लेगा तो कई प्रकार की कुप्रवृत्तियों से निवृत्त होकर एकाग्रचित्त होकर उद्देश्य प्राप्त कर सकता है।”

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राजीव की डायरी संख्या 15 शिक्षा का मंदिर और बढ़ता यौन शोषण