नए साल के शुरू होते ही लोगों में उमंग भरने को पतंगों का त्यौहार आज मनाया जा रहा है। जी हाँ साथियों , भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है पतंगों का त्यौहार यानि मकर संक्रांति का पर्व । विभिन्न परम्पराओं और मान्यता के अनुसार अलग अलग जगहों में यह त्यौहार मनाने का तरीका अनोखा है।मकर संक्रांति का त्यौहार विभिन्न संस्कृति के महत्व को दर्शाता है। साथियों ,हर एक त्यौहार लोगों को करीब लाता है और आपसी प्रेम बढ़ाता है। इस त्यौहार आप सभी एक दूसरे के जीवन में गुड़ की तरह मिठास भरे और एक दूसरे की खुशियों का कारण बने। इस पावन अवसर पर आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

“प्रकृति के महत्व को अब जाने ये संसार छठ पूजा के पावन पर्व पर हो सभी का उद्धार…” “जग के कोने-कोने में ज्ञान का प्रकाश हो इस छठ पूजा हर कहीं सुख-शांति का निवास हो…” साथियों.... चार दिनों तक चलने वाली छठ महापर्व हिंदू समुदाय का एक मुख्य त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है। छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। साथियों आप सभी श्रोतागणों को मोबाइल वाणी परिवार की और से छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.....

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आज पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अहंकारी रावण को पराजित कर विजय हासिल किया था और समस्त मानव समुदाय को एक सकारात्मक सन्देश दिया था । आइये हम सब अपने अंदर छिपी बुराइयों का अंत करने का प्रण ले और आपसी सौहार्द एवं पुरे हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाये। इसी के साथ आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विजयदशमी पर्व का हार्दिक शुभकामनाएं

परम्पराओं और संस्कृति से परिपूर्ण हमारा देश भारत में विभिन्न त्योहार मनाया जाता है और इन्ही में से एक है दुर्गा पूजा का त्यौहार । नौ दिनों के इस त्यौहार में दुर्गा माँ के नौ रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। यह उत्सव राक्षस महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का उत्सव है। दुर्गा पूजा का त्यौहार महिला शक्ति का चित्रण करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है । विभिन्न जगहों पर अलग अलग मान्यताओं के साथ दुर्गा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।साथियों आइये आपसी सौहार्द और खुशियाँ बाँट कर दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाए। आप सभी साथियों को मोबाइल वाणी के पूरे परिवार की ओर से दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आज हमारा देश पूरे उत्साह और उमंग के साथ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारतवासियों के लिए इस दिन का बड़ा महत्व है। सदियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। हम कृतज्ञ है उन वीर सपूतों और वीरांगनाओं का जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और हमें स्वतंत्र भारत में गर्व से जीने का अवसर दिया। अब हमारा कर्तव्य है अपने देश की रक्षा करें , दुनिया में भारत का नाम रौशन करें और समाज में फैली कुरीतियों और बुराइयों का अंत कर,देश को प्यार का आशियाँ बनाएं। मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

बोल बम के गूंजने लगे जयकारे गोरखपुर जिले की खजनी तहसील इलाके के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में पूजा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 22 जुलाई से शुरू हो रहे सावन महीने के पहले सोमवार को भगवान शिव के जलाभिषेक और पूजा के लिए शिव भक्त श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। उनवल नगर पंचायत के टेकवार में स्थित झारखंडेश्वर महादेव भरोहियां गांव के पौराणिक महत्व वाले भूमि से स्वत: प्रस्फुटित प्राचीन जयश्वरनाथ शिव मंदिर सरयां तिवारी गांव के खुदाई में मिले शिव लिंग पर कलमा खुदे हुए ऐतिहासिक नीलकंठ महादेव मंदिर सहित कस्बा संग्रामपुर उनवल के नीलकंठ मंदिरों और परिसर की सफाई कर के उन्हें आकर्षक रूप में सजाया गया है। क्षेत्र के सभी शिव मंदिरों की सफाई की गई और उन्हें सजाया गया। सनातन धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देव माह सावन में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। सोमवार शिव आराधना व्रत का पावन दिन माना गया है। पंडित प्रेमचंद राम त्रिपाठी और माधव राम त्रिपाठी ने बताया कि इस बार सावन महीने का पहला, आखरी दिन तथा 5 सोमवार व्रत प्राप्त होने को शिव भक्तों के लिए बड़ा ही पावन और अद्भुत संयोग है। क्षेत्र से बडी संख्या में कांवरिए पहले सोमवार को जलाभिषेक के लिए काशी विश्वनाथ, मार्कण्डेय महादेव और वैद्यनाथधाम में जलाभिषेक के लिए रवाना हुए।

गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र में सिकरीगंज कस्बे के निकट स्थित झौवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे आचार्य चंद्र किशोर महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए बताया कि मनु महाराज की पुत्री देवहुति जब विवाह योग्य हुई तो उन्होंने भगवान से अच्छे वर की प्रार्थना की, तब भगवान ने उन्हें कर्दम ऋषि से कन्या का विवाह करने के लिए कहा, भगवान ने कर्दम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उनसे कहा मैं तुमसे प्रसन्न हूं क्योंकि तुम सृष्टि हेतु तप करने जा रहे हो, इसलिए तुम्हारा मनोरथ पूर्ण होगा। तुम महाराज मनु की पुत्री से विवाह करो महाराज मनु अपनी पत्नी सत्यारूपा और पुत्री देवहूति के साथ कर्दम ऋषि के आश्रम जा पहुंचे। कर्दम ऋषि ने विवाह से पूर्व शर्त रखी जब देवहुति गर्भवती होंगी तो मैं संन्यास लेकर वन चला जाऊंगा। माता सत्यारूपा ने पुत्री की ओर देखा उनकी मौन स्वीकृति से विवाह किया गया। माता देवहुति द्वारा पति की सेवा की गई जिससे कर्दम ऋषि ने उन्हें वर मांगने के लिए कहा तब माता देवहूति ने कहा कि आप वन को तब जाएं जब मुझे पुत्र प्राप्त हो। कर्दम ऋषि की प्रथम 9 संतानें कन्या हुईं। जिनके नाम कला,अनुसुइया,श्रद्धा, हविर्भू,गति,क्रिया,ख्याति,अरूंधती और शान्ति थे तथा पुत्र का नाम कपिल था। कपिल के रूप में देवहूति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु अवतरित हुये थे। जिन्होंने अपनी माता को सांख्य शास्त्र का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान चाहे जहां से भी मिले उसे प्राप्त करना चाहिए। भक्ति पूर्ण कथा सुनकर श्रद्धालु श्रोता भाव विभोर हो उठे।संगीतमय कथा में मुख्य यजमान प्रभा देवी, सर्वदमन शुक्ल, कौशल किशोर, विजय कुमार पाण्डेय, चंद्र किशोर, किर्ति त्रिपाठी, हिमांशु शुक्ल, रीना शुक्ला, रितु, शिवम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।

हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पुरे हर्षो- उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है रामनवमी की जो की आज देश प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। रामनवमी का त्योहार जो हमारी धरोहर है और हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है यह हमारे जीवन को खुशियों और उमंग से भर देता है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।सनातन मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों में विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है ,और शहर में श्री राम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां निकाली जाती है। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को रामनवमी की ढेर सारी बधाईयाँ।