सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से फ़ोटो चोरी होने से सम्बंधित जोखिमों के बारे में जानकारी।
CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अदिति श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कभी - कभी किसानों को उनकी मेहनत की कमाई का सही मूल्य नहीं मिलता है । किसान भाइयों को इन समस्याओं से बचाने के लिए सरकार उनकी फसलों के लिए एमएसपी देती है । हम आपको एम . एस . पी . के बारे में सारी जानकारी दे रहे हैं । सरकार 23 फसलों पर एम . एस . पी . देती है । अगर आपको याद हो तो पूरे एक साल में दो हजार बीस से लेकर इकतीस तक देश के किसानों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था । यह आंदोलन किसान आंदोलन के नाम से बहुत लोकप्रिय हुआ । यह आंदोलन एक आंदोलन था । अब तक केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एम . एस . पी . ) के लिए लड़ाई लड़ी गई है । आप ऊपर से एम . एस . पी . के बारे में शायद कभी नहीं जानते होंगे , लेकिन हम आज इसके बारे में जानते हैं । सीधे शब्दों में कहें तो सरकार किसानों द्वारा उगाई गई फसल की कीमत तय करती है , ताकि जब किसान फसल पूरी कर ले , तो कीमत तय हो जाए । वह इसे फल बाजार में बेचता है और फिर सरकार द्वारा ।
गोरखपुर अनाज मंडी भाव 22 फरवरी
एम्स :40 चिकित्सा शिक्षकों को मिली पदोन्नति।
बी आरडी : परिसर में ही बनेगा 150 बेड का ट्रामा सेंटर व आईसीयू ।
सुबह बारिश और दिन में छाए रहे बादल
सरकारी अस्पतालों की बिगड़ी व्यवस्था का फायदा उठा रहे मरीज माफिया ।
गोरखपुर फल मंडी भाव 22 फरवरी
