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गोरखपुर। महाराणा प्रताप महिला पी.जी कॉलेज रामदत्तपुर गोरखपुर में तीन दिवसीय रोवर/ रेंजर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज हुआ। उद्घाटन सत्र में प्रशिक्षक के रूप में किरण - सहायक लीडर ट्रेनर (गाईड) द्वारा छात्राओं को  मानवता का संदेश दिया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ ध्वज को विशेष नियमों के अन्तर्गत ध्वजारोहण के लिए तैयार करना एवं अनुशासन एवं जीवन को प्रकृति से जोड़कर उच्चकोटि का बनाए रखने के नियम बताए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने छात्राओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि रेंजर्स प्रशिक्षण आपके जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाता है साथ ही जीवन को उत्तम श्रेणी में ले जाने का मार्ग प्रशस्त करता है। रेंजर्स प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. लक्ष्मी वर्मा ने छात्राओं को बताया कि रेंजर्स आध्यात्मिकता एवं अन्त: शक्तियों को मजबूत बनाने का कार्य करता है। हमें सदैव सत्य का अनुगामी बनाता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्रवक्तागण एवं छात्राओं की उपस्थिति रही।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भोक्ताओं के लिए सभी प्रकार के वैश्विक और स्थानीय समाचारों का एक बड़ा स्रोत बन गए हैं और बन गए हैं , हालांकि ओएसएन एक दोधारी तलवार है , हालांकि उन्हें स्थापित करना असीम रूप से आसान है । वे तेज़ और सटीक समाचार और जानकारी जैसे महान लाभ प्रदान करते हैं , लेकिन उनके कई नुकसान और मुद्दे भी हो सकते हैं । उनकी प्रमुख चुनौतियों में से एक फेक न्यूज का प्रसार है

गोरखपुर। संस्कार भारती गोरक्ष प्रांत व गोरखपुर थियेटर एसोसिएशन के तत्वावधान में आज गोलघर स्थित चेतना तिराहा पर भरतमुनि के जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन अर्चन कर निकाली गई रंगयात्रा । रंगयात्रा में शहर के युवा रंग कर्मियों के साथ साथ पुराने वरिष्ठ रंगकर्मी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दोपहर में ही चेतना तिराहे पर शहर के रंगकर्मियों सांस्कृतिक कर्मियों का जुटना शुरू हो गए बजे भरतमुनि के जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर भारतीय सांस्कृतिक संबन्ध परिषद (ICCR) भारत सरकार के सलाहकार सदस्य अवनीश पी शर्मा एवं रंगकर्मियों द्वारा पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें युवा व वरिष्ठ रंगकर्मियों ने गीत प्रस्तुत किया गया, तत्पश्चात वहां से रंग यात्रा निकली जो इंदिरा बाल बिहार से होते हुए कचहरी चौराहा गोलघर होते हुए पुनः चेतना चौराहे पर आकर के समाप्त हुआ जहां सांस्कृतिक कर्मियों द्वारा यात्रा में शामिल रंग कर्मियों के ऊपर फूल बरसा कर स्वागत किया। यात्रा के दौरान रंग कर्मियों द्वारा भरतमुनि अमर रहे आदि गगनचुंबी नारों के साथ रास्ते भर गीत गवनई करते हुए रंगयात्रा का शोभा बढ़ाते रहें।

शहर से रोजाना निकलने वाले कचरे से निपटने के लिए गोरखपुर नगर निगम लगाएगा ट्रामल बायो कल्चर प्लांट। गोरखपुर।। शहर से रोज निकलने वाले 500 टन कचरे का अब रोजाना होगा निस्तारण,निगम ने ईओआई जारी किया है। गोरखपुर शहर से निकलने वाले कचरे के ढेर को निस्तारित करने के लिए अब नगर निगम ट्रामल बायो कल्चर प्लांट लगाएगा। इसके लिए निगम ने एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट ईओआई जारी कर दिया है। निर्माण के लिए इच्छुक फर्में 1 मार्च तक आवेदन कर सकती हैं। वहीं,ऑनलाइन प्री विड मीटिंग 26 फरवरी को होगी। इस प्लांट से रोजाना 500 टन कूड़े का निस्तारण किया जा सकेगा। मिली जानकारी के अनुसार एकला बंधे पर राप्ती रिवर फ्रंट का निर्माण होना है। वहां मौजूद कूड़े का ढेर मार्च तक हट जाएगा। इसके बाद वहां कूड़ा डंप नहीं होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में सेवन स्टार रेटिंग के लिए प्रयासरत नगर निगम तात्काल प्रभाव से कचरा निस्तारण के लिए वैकल्पिक इंतजाम में जुट गया है। शहर से निकलने वाले ताजा कचरे के प्रबंधन के लिए ‘फ्रेश वेस्ट ट्रामल बायो क्लचर प्लांट’ लगाया जाएगा। इसके लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया गया है। प्लांट के लिए इच्छुक फर्में एक मार्च तक आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन प्री विड मीटिंग 26 फरवरी को होगी। निगम की ओर से जारी ईओआई के मुताबिक 500 टन प्रतिदिन निस्तारण की क्षमता का फ्रेश वेस्ट ट्रामल बायो कल्चर प्लांट लगाया जाएगा। इच्छुक फर्म को इस प्लांट को महानगर के 10 किलोमीटर के दायरे में लगाना होगा। इसके लिए फर्म को चार से पांच एकड़ जमीन लीज पर लेनी होगी। यहां पर शहर से प्रतिदिन निकलने वाला गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके लाया जाएगा। जहां ट्रामल मशीन से कचरे को प्राॅसेस कर उनमें से इस्तेमाल योग्य कचरा अलग होगा। गीले कचरे को बायो कल्चर विधि से प्राॅसेस कर बायो कंपोस्ट में बदला जाएगा। नगर निगम सुथनी में साॅलिड वेस्ट प्लांट एवं गीला कचरा से चारकोल प्लांट की स्थापना कर रहा है। लेकिन इनके पूरा होने में दो से ढाई साल का वक्त लगेगा। मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि एकला बांध पर जमा लिगेसी वेस्ट, मार्च के पहले सप्ताह तक निस्तारित कर लिए जाने की उम्मीद है। सुथनी में प्लांट शुरू होने तक रोजाना एकत्रित होने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है। साथ ही निजी क्षेत्र में संभावनाएं तलाश की जा रही है जिसके लिए ईओआई जारी किया गया है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से आकांशा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसान भारतीय अर्थव्यवस्था एक कृषि अर्थव्यवस्था है ऐसी कृषि अर्थव्यवस्था के साथ कठिनाई यह है कि कृषि क्षेत्र उत्पादन का वितरण करता है । कृषि अर्थव्यवस्था की एक अन्य समस्या उत्पादकता है , जो कृषि के चक्र पर अत्यधिक निर्भर है । वर्तमान में , भारतीय किसान प्रति हेक्टेयर दो दशमलव चार टन चावल का उत्पादन करते हैं , जो इसकी वास्तविक क्षमता से बहुत पीछे है । दूसरी ओर , चीन और ब्राजील प्रति हेक्टेयर कम चावल का उत्पादन करते हैं ।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अगर किसान कड़ी मेहनत करते हैं और खाद्यान्न का उत्पादन करते हैं , तो अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी होनी चाहिए क्योंकि अगर किसान खाद्यान्न का उत्पादन नहीं करेंगे , तो देश में भुखमरी होगी । लोग बिना भोजन के मरने लगेंगे , इसलिए किसानों के पक्ष में , हमारे दो नेताओं ने आवाज उठाई , एक थे एमएस स्वामीनाथन जी और दूसरे थे हमारे चौधरी चरण सिंह जी , जो किसानों के पक्ष में थे । पक्ष में , उन्होंने आंदोलन भी किया था और अपने हक के लिए अनाज की कीमत तय की थी , जिस पर किसानों से शुल्क लिया जाएगा । मतलब कोई नुकसान नहीं , लेकिन उनकी बात बीच में काट दी गई और कोई महत्व नहीं दिया गया , किसानों पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए ।

राजीव की डायरी कड़ी संख्या 19 घरेलू हिंसा पर घातक बंटी चुप्पी