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कुछ सामान्य ज्ञान के रोचक तथ्य

भारत में फसल के मौसम और उनके बारे में

300000 मतों से सपा के राम भुवाल निषाद को हर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे रवि किशन फिर मैदान में

प्रदेश की सुरक्षित 17 लोकसभा सीटों में य तीन बार की अजेय फिर कमलेश पासवान पर ही दांव

बदायूं के किशोर न्याय बोर्ड ने एक महिला का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के आरोपित दो किशोरों को सजा न देकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15-15 दिन की सेवा का दंड देकर न्याय के वास्तविक अर्थ को सामने रखा है। न्याय को संवेदनशील भी होना चाहिए, और बात जब किशोरों की हो तो इस बात पर भी विचार किया जाना जाहिए कहीं उन पर सजा का नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। इस प्रकरण में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी थी और सुनवाई के दौरान दोनों किशोरों ने अपने अपराध को स्वीकार किया था। साथ ही यह भी कहा था कि उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि वे कितना बड़ा अपराध कर रहे हैं, उन्हें गलती सुधारने का अवसर दिया जाए। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट पंकज पांडेय, सदस्य अरविंद गुप्ता, प्रमिला गुप्ता ने किशोरों को दोषी तो माना, लेकिन उन्हें सुधरने का अवसर भी दिया। किशोरावस्था में बच्चे अक्सर ऐसी कई गलतियां कर जाते हैं, जिनकी गंभीरता का उन्हें अहसास नहीं होता। अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की सेवा के दौरान उन्हें सामाजिक दायित्व का भी बोध होगा। आज के दौर में किशोरों को सेवाभाव की सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ने की महती आवश्यकता है। न्याय का अर्थ सिर्फ यह नहीं कि आरोपित को सजा ही सुनाई जाए, दोषी व सुधरने का अवसर दिया जाना भी न्याय है। जब इस तरह सामाजिक दायित्वों से ओतप्रोत निर्णय सामने आते हैं तो न्याय वास्तविक अर्थों में प्रकट होता इसी तरह कुछ दिन पहले ही राज्य सूचना आयोग ने भी सूचना के अधिक के तहत जानकारी न उपलब्ध कराने पर एक अभिनव निर्णय सुनाया था। जिसमें कि आरोपित बिजली विभाग के अभियंता दो अनाथालयों में जाकर बच्चों को एक समय का भोजन कराएं जिसका खर्च 25 हजार से अधिक न हो। वस्तुतः दंड का उद्देश्य आरोपित को उसकी गलतियों का अहसास कराना होता है और इस तरह की सजाओं से भी लोगों को सीख दी जा सकती है। कोई यदि अपनी गलती स्वीकार कर रहा हो तो उसे प्रायश्चित का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए,बशर्ते की उसका अपराध बड़ा ना हो।

गोरखपुर: वीर बहादुर सिंह स्पोर्टस कॉलेज में इंडोर हाल के लिए 2 करोड़ रुपए हुए जारी। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण की खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी परियोजना में भूखंड के लिए 11 मार्च तक करें आवेदन। गाड़ी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर तूलिका मिश्रा को "आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड" से सम्मानित किया गया। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुनाएं धन्यवाद।

अभिनव त्रिपाठी ने बताया कि अनुवंशिक विज्ञान की जानकारी से स्वास्थ होगा मानव जीवन खुटहना गांव सरकारी स्कूल में गोष्ठी का आयोजन हुआ। खजनी गोरखपुर।। अनुवंशिक विज्ञान की बेहतर समझ और जानकारी होने पर हमें वंशानुगत (पीढ़ी दर पीढ़ी) होने वाले कई असाध्य रोगों से बचाव में मदद मिल सकती है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस दिशा में विशेष जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। खजनी क्षेत्र के खुटहना गांव के सरकारी स्कूल परिसर में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सौजन्य से अनुवंशिक विज्ञान स्वस्थ जीवन की सरल कुंजी तथा उर्जा साक्षरता विषय पर जागरूकता गोष्ठी को संबोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता अभिनव त्रिपाठी ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने विस्तार सहित जानकारी देते हुए कहा कि समय रहते यदि अनुवंशिक रोगों की पहचान कर ली जाए तो माता- पिता,दादा-दादी,नाना-नानी के द्वारा बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर देव बख्श सिंह ने कैंसर, हीमोफीलिया,डाउन सिंड्रोम, मधुमेह आदि अनुवंशिक रोगों की जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने सौर्य उर्जा के रूप में स्वच्छ ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए उपस्थित जनसमूह को बताया कि अपना देश स्वच्छ प्रदूषणरहित उर्जा के रूप में सौर्य उर्जा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। आगामी वर्ष 2030 तक भारत दुनियां का सबसे बड़ा सौर्य उर्जा उत्पादक देश बन जाएगा। इस दौरान उन्होंने सौर्य उर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी एवं ग्रामप्रधान रूद्र प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया तथा संचालन संजय मिश्रा ने किया। इस दौरान ग्रामप्रधान संगम त्रिपाठी,दिनेश, राम सागर,साधू,मेवाती,बासमती, शारदा,जियना,अनिता,समिना,मैना देवी,उषा,गीता देवी सहित गांव के दर्जनों लोग मौजूद रहे।