उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें लड़कियों के अधिकारों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। लड़कियों को शिक्षित होने के बाद अपने अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए प्रोत्साहित करें।हमें कम उम्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक सामग्री पर भी काम करना चाहिए, जिसमें लैंगिक समानता एक प्रमुख विषय है। बच्चों को कम उम्र से ही इस मुद्दे के बारे में जागरूक किया जाता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए सफलता की कुंजी समय से पहले मानकों को बदलना है। इसलिए बचपन की प्रारंभिक शिक्षा आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जमीन के मालिकाना हक़ में बहुत बड़ी असमानताएं हैं। किसान की परिभाषा जमीन के मालिकाना हक़ से जुड़ी है, इसलिए कृषि करने वाली महिलाएं किसान की परिभाषा के दायरे से बाहर हो जाती हैं। 2007 की राष्ट्रीय किसान नीति को अधिक व्यापक और समावेशी बनाया गया । इस नीति दस्तावेज में किसान की परिभाषा फसलों और अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों को उगाने की गतिविधि में लगे व्यक्ति को दी गई है। आजीविका और आर्थिक कमाई एक दूसरे से जुड़े हुए हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारतीय परिपेक्ष्य से सम्पूर्ण सन्दर्भ को देखें तो पाएंगे कि दो प्रकार के व्यवधान महिलाओं को संपत्ति के अधिकारी होने से वंचित करते हैं। पहला पुरुष प्रधान समाज किसी भी परिस्थिति में महिलाओं को प्रभुत्व का सबसे महत्वपूर्ण साधन, यानी भूमि, देने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरा कारण यह है कि महिलाएं स्वयं भावनात्मक कारणों से अपने अधिकार को छोड़ देती हैं।इसके लिए पुरुष उन पर दबाव डालते हैं कि यदि वो सम्पत्ति के लिए कानून का सहारा लेंगी तो उनको पारिवारिक सम्बन्ध तोड़ना होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सामाजिक न्याय और समानता का आधार एक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना है। जहां सभी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के समान अवसर और अधिकार मिलते हैं । अवधारणा इस पर आधारित है कि प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए। चाहे उनकी जाति, लिंग, धर्म, सामाजिक या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है कि संसाधनों और अवसरों को बंटवारा समान रूप से हो, ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में लापता लड़कियों और महिलाओं की समस्या एक गंभीर और बढ़ती हुई चिंता का विषय है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार, मानव तस्करी, जबरन विवाह, घरेलू हिंसा और शोषण सहित विभिन्न कारणों से हर साल हजारों लड़कियां और महिलाएं लापता हो जाती हैं। मानव तस्करी एक प्रमुख कारण है जिसमें लड़कियों और महिलाओं का यौन शोषण किया जाता है और उन्हें बाल श्रम और जबरन श्रम के लिए बेचा जाता है। कई मामलों में गरीब और कमजोर समुदायों की महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। महिलाओं का जबरन शादी के लिए भी अपहरण किया जाता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बाल विवाह अभी भी प्रचलित है। घरेलू हिंसा और शोषण के मामलों में भी, महिलाएं अपने घरों से भाग जाती हैं और कई बार उनको ढूँढना मुश्किल हो जाता है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शिक्षा का अधिकार एक मानव अधिकार है और निरक्षरता को समाप्त करना शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। ऐसा करने और शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक अंतर को समाप्त करने से महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाया जा सकता है और इस प्रकार महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को समाप्त किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सामाजिक समानता सामाजिक न्याय और निष्पक्षता पर केंद्रित है। यह स्वीकार करता है कि प्रत्येक व्यक्ति जाति, लिंग, आय, यौन अभिविन्यास, धर्म या क्षमता के कारण अलग-अलग परिस्थितियों से ग्रस्त है। सामाजिक समानता के लिए समान परिणाम तक पहुँचने के लिए अद्वितीय, विशिष्ट संसाधनों के एक सेट की आवश्यकता होती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव कुछ समुद्रों से देखे जा रहे हैं कि मौसम में दिन में अधिक बारिश होती है। गर्मी और भूकंप का प्रभाव है, इस स्थिति में लोग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, लोग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, इसे ट्रैप्लेमेंट परिवर्तन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन तापमान में वृद्धि, अधिक बार भारी बारिश और जुगाली करने वालों और तूफानों के प्रभावों के माध्यम से बीमारी के जोखिम को बढ़ाता है। पैथोलॉजिकल रोग शरीर की तंत्रिका और स्वायत्त प्रणालियों को प्रभावित करता है या यकृत और गुर्दे को नुकसान पहुंचाता है। यह जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य को प्रभावित करने के दो मुख्य तरीके जलवायु या मौसम संबंधी कारकों से पहले से ही प्रभावित स्वास्थ्य समस्याओं की गंभीरता या आवृत्ति को बदलना और दूसरा पहले से ही प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य को बदलना है। उन स्थानों पर अभूतपूर्व या अप्रत्याशित स्वास्थ्य समस्याएं और स्वास्थ्य खतरे पैदा करना जहां वे पहले कभी नहीं हुए हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तर्केश्वरी श्रीवास्तव सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया लापता लड़कियों और महिलाओं का मुद्दा गंभीर है। सामाजिक समस्या घरेलू हिंसा है और सामाजिक दबाव भी महत्वपूर्ण कारण हैं कि अक्सर महिलाएं और लड़कियां गरीबी और आर्थिक असमानता के अलावा घरेलू दुर्व्यवहार और हिंसा से बचने के लिए अपने घरों से भागती हैं। मालाओं के गायब होने के पीछे एक बड़ा कारण है क्योंकि वे वित्तीय बाधाओं के कारण जोखिम भरी नौकरियों में फंस गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियानों सहित विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा उपायों और कानून प्रवर्तन की शक्ति को शामिल करने के अलावा, समुदायों को महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क और सहयोगी भी होना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तर्केश्वरी श्रीवास्तव सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की अपनी ज़मीन अपनी आवाज़, यह सिद्धांत सामाजिक न्याय और समानता का आधार है। जब लोग अपनी भूमि के मालिक होते हैं, तो वे आर्थिक और सामाजिक रूप से अधिक स्वतंत्र और सशक्त होते हैं। यह स्वामित्व उन्हें अपनी आवाज उठाने और सामाजिक रूप से अपने हितों की रक्षा करने की शक्ति देता है। न्याय के संदर्भ में, यह सिद्धांत विशेष रूप से दलित आदिवासियों और भूमि अधिकारों से वंचित महिलाओं जैसे ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों जैसे हाशिए पर पड़े समुदायों को लाभान्वित करता है। इसका मतलब है कि इन समुदायों को अपने भूमि अधिकार वापस मिलते हैं और वे अपनी भूमि का उपयोग अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं के अनुसार कर सकते हैं, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार होता है और आर्थिक असमानताएं कम होती हैं।