उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शिक्षा को मजबूत करने का काम बेहतर कौन कर सकता है, पुरुष हो या महिला, चाहे हम कितना भी कहें, आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, लेकिन सच्चाई हम सभी को पता है। आज भी हमारे देश में कई पिछड़े दिमाग वाले लोग महिलाओं को शिक्षित करना पैसे की बर्बादी मानते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे शादी कर लेंगे और दूसरे घर जाकर वहीं बस जाएंगे। क्योंकि उन्हें घर ही तो संभलना है तो पढ़ कर क्या करेंगे कई लोग मानते हैं कि शिक्षित महिलाओं को दबाया नहीं जा सकता है और वे खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पिता की संपत्ति पर बेटियों को भाइयों के समान संपत्ति का अधिकार है यह अक्सर देखा गया है कि बेटियां पिता की संपत्ति पर अपने अधिकार का प्रदर्शन नहीं करती हैं, लेकिन कानूनी रूप से पिता की होती हैं। संपत्ति पर बेटियों का भी अधिकार है। अब अगर कोई बेटी अपने पिता की संपत्ति में अपने हिस्से पर विचार करती है, तो भाइयों के लिए इससे असंतुष्ट होना अनुचित है
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जीवन में कभी भी कुछ भी हो सकता है, अगर पति और पत्नी दोनों ही शिक्षित है और किसी कारणवश पुरुष की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो कम से कम महिला परिवार के संभाल सकती है। लेकिन अगर महिला शिक्षित नहीं होगी , तो ससुराल वाले उसे विधवा का बोझ महसूस करेंगे। अगर वह शिक्षित है, तो ससुराल वाले इतना तनाव नहीं उठाएंगे और लड़के के परिवार को भी जीने के लिए सहारा मिलेगा।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भूमि अधिकार मानवाधिकारों का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह खाद्य आश्रय और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच को सक्षम बनाता है। यह सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए मौलिक है, लेकिन महिलाओं की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखे बिना।चूंकि ये सभी मानवाधिकारों के मुद्दों में शामिल हिस्से हैं .
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलायें जीवन में कई भूमिकाएँ निभाती है, माँ की बहन की बेटी की पत्नी की दोस्त, इसलिए अगर एक महिला शिक्षित है, तो वह कई लोगों को शिक्षित कर सकती है। समाज के लिए एक शिक्षित माँ का होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। आज के युग में सभी को शिक्षित होना चाहिए, चाहे माँ कोई भी हो, इसलिए बच्चों के लिए शिक्षा की आवश्यकता है।
हर व्यक्ति स्वस्थ्य और सेहतमंद रहने के बाद अपने रूप रंग और साज सज्जा पर विशेष ध्यान देता है। महिलाएं हों या पुरुष खुद को अप टू डेट रखना समय की मांग है, इस दिशा में कैरियर बनाने और कौशल विकास की बेशुमार संभावनाएं हैं। यह बातें आज क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला ने खजनी कस्बे में स्थित ग्लैम अप ब्यूटी पार्लर सैलून और ट्रेनिंग सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहीं वैदिक मंत्रों के साथ पूजन के बाद फीता काट कर शुभारंभ करते हुए उन्होंने बताया कि टेक्निकल,मेहनत,मजदूरी, खेती और पशुपालन के काम न हों तो आॅफिस,बैंकिंग आदि सेक्टर में हमारा फिजिकल फिटनेस और लुक अर्थात सुंदर दिखना बहुत महत्व रखता है। सेंटर के प्रबंधक अनंत मिश्रा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में एक महीने से लेकर 6 महीने तक प्रशिक्षण कोर्स हैं। जिसमें मेकअप, हेयर स्टाइल, मेंहदी और स्किन (त्वचा) से संबंधित विभिन्न पार्लर के कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा कोर्स पूरा होने पर उसका सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा साथ ही साथ सेंटर में नियमित रूप से पार्लर से जुड़ी सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध होंगी। बहनें और बेटियां ट्रेनिंग लेकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इस अवसर पर विधायक के साथ पिपरौली ब्लॉक के प्रमुख दिलीप यादव भाजपा मंडल अध्यक्ष राम प्रकाश चौरसिया, दिलीप शुक्ला, उदय नारायण, आनंद नारायण, सुरेश शुक्ला, विपिन पांडेय, मनीष वर्मा, अंकिता शुक्ला,अंजली मिश्रा, सचिन गुप्ता, विवेक चतुर्वेदी समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।
कई बार काम के लिए पूरा दिन भी कम पड़ जाता है। हमें अपने काम को अगले दिन के लिए छोड़ना पड़ता है। उस वक्त मन में बस एक ही ख्याल आता है कि काश दिन कुछ और लंबा होता। काश दिन में 24 के बजाए 25 घंटे होते। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि आपकी ये ख्वाहिश भी पूरी होने वाली है। दिन लंबा होते जा रहा है। कुछ सालों बाद दिन 24 के बजाए 25 घंटे होने वाले हैं। जी हां हैरान मत होइए ये कोई मजाक नहीं बल्कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद कहा है। इसके पीछे खगोलीय घटनाएं शामिल है, जिसकी वजह से आने वाले कुछ सालों में दिन में 24 घंटे के बजाए 25 घंटे होंगे। दरअसल चंद्रमा और धरती के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। चंद्रमा से दूरी बढ़ने की वजह से धरती पर दिन लंबे होते जा रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 1.4 अरब साल पहले धरती पर पर दिन मात्र 18 घंटे का होता था, लेकिन धीरे-धीरे दिन में घंटे बढ़ते चले गए। प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 1.4 अरब सा्ल पहले चंद्रमा हमसे करीब था, लेकिन धीरे-धीरे उसके पृथ्वी के चारों ओर अपनी धूरी पर घूमने के तरीके को बदला, जिसकी वजह से धीरे-धीरे वो हमसे दूर हो रहा है। धरती पर एक दिन 24 घंटे का होता है, ये कोई भी आसानी से बता सकता है लेकिन क्या हमेशा ये दिन की समय सीमा यही थी और आगे भी यही रहेगी। वैज्ञानिकों ने दावा किया गया है कि आने वाले समय में दिन की अवधि 24 घंटे से ज्यादा हो सकती है क्योंकि ये बीते हजारों साल से बढ़ रही थी। एक समय पर धरती का दिन 24 घंटे से कम होता था और अनुमान है कि यह समय के साथ बढ़ता रहेगा। ऐसा समय भी भविष्य में आ सकता है जब दिन का समय 24 नहीं 25 घंटे का होगा। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, हर 24 घंटे में एक बार पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है, जो एक दिन को दिखाता है। धरती के धुरी पर घूमने की अवधि यानी एक दिन के हिसाब से ही इंसान अपने कामकाज और सोने के घंटे तय करता है। यानी एक तरह से धरती के घूमने का ये समय इंसान को एक संतुलित जिंदगी देता है लेकिन हमेशा से दिन इसी तरह 24 घंटे का नहीं था। वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत समय पहले पृथ्वी का दिन बहुत छोटा था। पहले पृथ्वी ने ऐसे दिनों का अनुभव किया है जो अब की तुलना में छोटे थे। करीब एक अरब साल पहले दिन की लंबाई केवल लगभग 19 घंटे थी। धरती के बनने के समय पृथ्वी अपनी धुरी पर 10 घंटे से भी कम समय में घूमती थी। यानी एक दिन महज 10 घंटे का था। ग्रह वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का तेज घूमना मंगल के आकार के प्रोटोप्लैनेट के साथ एक विशाल, चंद्रमा-निर्माण प्रभाव का परिणाम था। इसने चंद्रमा बनाने के लिए ग्रह की सतह के पर्याप्त हिस्से को तोड़ते हुए पृथ्वी की कोणीय गति को तेज कर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का दिन 24 घंटे से भी अधिक लंबा हो जाएगा। ग्रह के पिघले हुए कोर, महासागरों या वायुमंडल में सूक्ष्म परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कुछ मिली सेकेंड बढ़ गए हैं। पृथ्वी का घूमना वास्तव में इसके ग्रह की उत्पत्ति की कहानी का प्रमाण है। कोई ग्रह कितनी तेजी से घूमता है यह इस बात से निर्धारित होता है कि इसका निर्माण कैसे हुआ जब प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क में सूर्य की परिक्रमा करने वाली धूल, चट्टानें और गैस अंतरिक्ष में एक साथ आए। अपनी गति की वजह से जैसे-जैसे चंद्रमा धरती से दूर हो रहा है, धरती की गति भी कम हो रही है, क्योंकि ब्रह्मांड में पृथ्वी की गति दूसरे ग्रहों से प्रभावित होती है, जो उस पर बल डालते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक लाखों वर्षों के पृथ्वी और चंद्रमा की गति के अध्ययन से पता चलता है कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच दूरी बढ़ रही है। जिसकी असर दिन के घंटों पर पड़ता है। चंद्रमा से मिले आंकड़ों के विश्लेषण से पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ज्वालामुखी संग्रहों के कारण चंद्रमा की सतह पर फैली चट्टानों के नीचे प्राकृतिक रूप से पानी हो सकता है। जियोसाइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रमा की ऊपरी सतह और अंदरूनी हिस्से के बीच में पर्याप्त मात्रा में पानी है, हालांकि रिपोर्ट में कहा गया कि आंतरिक स्रोतों से चांद पर पानी होने का पता नहीं चलता है।
वन क्षेत्राधिकारी ने सुरक्षित रेस्क्यू का निर्देश दिए गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र के कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या-3 टेकवार में गुरुवार को देर शाम हो रही मूसलाधार बारिश के दौरान गोह सरीसृप जीव का बच्चा मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग दहशत में आ गए। पहले वह संगम तिवारी के घर के समीप नजर आया फिर वाचनालय की तरफ। बड़ी छिपकली या गिरगिट की तरह नजर आ रहे इस जीव को देख कर लोग उसे पहचान नहीं पाए। कुछ लोग उसे मगरमच्छ समझ बैठे तो कुछ ने डायनासोर का बच्चा बताया, उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी बांसगांव राजेश श्रीवास्तव को व्हाट्स एप पर उसकी फोटो भेज कर जानकारी मांगी गई। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि गोह से घबराने की जरूरत नहीं है, अभी बारिश हो रही है सबेरे उसे रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा।
सीआरपीएफ अधिकारी के नेतृत्व में शहीद की शहादत को नमन किया गोरखपुर जिले की खजनी तहसील इलाके के पुरासपार ग्रामसभा के मरवटियां मौजे के निवासी रहे 18 जुलाई वर्ष 1987 को अमृतसर स्वर्ण मंदिर में हुए आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद जीतन यादव की 38 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर प्रयागराज से पहुंचे सीआरपीएफ अधिकारी उदयभान सिंह के नेतृत्व में शहीद परिवार के स्वजनों और थाने के पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में शहीद जीतन यादव के अदम्य शौर्य पराक्रम और साहस को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन कर नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। सीआरपीएफ अधिकारी और पुलिसकर्मीयों ने उन्हें सलामी दी। श्रद्धांजलि सभा के दौरान क्षेत्र के युवाओं को जीतन यादव से प्रेरणा लेने का आवाह्न करते हुए वक्ताओं ने शहीद के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुनाए। विगत 37 वर्षों से प्रति वर्ष मनाए जाने वाले इस पुण्यतिथि के अवसर पर क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिलीप यादव खजनी ब्लॉक के पूर्व प्रमुख राजमन यादव ग्राम प्रधान तरंग यादव बांसगांव ब्लॉक प्रधान संघ अध्यक्ष समेत लोहा यादव, विकास यादव, ज्वाला यादव,नितेश यादव, अभिषेक यादव,सुंदरम सिंह,विनय यादव,रामपाल सिंह,विवेक,अनूप, इंद्रजीत यादव, मनीष यादव, एस. आई.रजनीश, कांस्टेबल अमलेश यादव, हर्षवर्धन वर्मा आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोर सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भूमि सुरक्षा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए आश्रय और आजीविका का आधार है, महिलाओं की गरिमा का समर्थन करती है और सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को सक्षम बनाती है। भूमि वास्तव में महिलाओं के लिए एक प्रवेश द्वार अधिकार है, जिसके बिना सभी महिलाओं के बुनियादी अधिकारों और कल्याण में सुधार के प्रयासों में बाधा आती रहेगी। महिलाओं और उनके भूमि और संपत्ति के अधिकारों के बीच सबसे मजबूत बाधाओं में से एक लगातार भेदभावपूर्ण सामाजिक मानदंड और नीतियों की प्रथाएं हैं।