उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता एक सामजिक समस्या है जो आधी आबादी के लिए एक मुश्किल संघर्ष बना हुआ है। इसका मतलब है कि ब्यक्ति की पहचान और उनके अधिकारों में अंतर होता है। सिर्फ उनके लिए की उनकी लैंगिक पहचान क्या है इसमें समाजिक ,न्यायिक रूप से भी विपरीतता हो सकती है। लैंगिक असमानता के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि लिंग जेंडर ,सांस्कृतिक मान्यताएं और क़ानूनी प्रणालियां यह अक्सर लिंग जेंडर ,सेक्सुअल और ओरियंटल के संदर्भ में होती है । जिनसे व्यक्ति की समाज में स्थिति और अधिकारों में अंतर पैदा होता है। समाज में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए शिक्षा जागरूकता और विविधता का सम्मान महत्वपूर्ण है। साथ ही क़ानूनी और नैतिक समर्थन भी जरूरी है। जिससे की समाज में हर व्यक्ति को उनका अधिकार मिल सके। लैंगिक असमानता के लिए लड़ना कठिन और लम्बा है लेकिन यह समाज के विकास में महत्वपूर्ण है