पिता की संपत्ति में लड़कियों के अधिकार भारतीय समाज में पिता की संपत्ति में लड़कियों के अधिकारों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। अतीत में, संपत्ति के वितरण ने लड़कियों को अन्य पारिवारिक अधिकारों तक अपेक्षाकृत कम पहुंच प्रदान की, हालांकि विभिन्न सामाजिक और कानूनी सुधारों के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में बदलाव हुए। दो हजार उन्नीस में, सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया जिसमें निर्धारित किया गया कि लड़कियों को अपने परिवार की संपत्ति में अपने भाइयों के समान अधिकार होने चाहिए। यह एक सकारात्मक कदम था जिसने लड़कियों को समाज में अपने अधिकारों को समझने में मदद की।