महाशिवरात्रि पर शिवमन्दिरों में जुटी भीड़ शिव भक्तों ने किया जलाभिषेक। खजनी गोरखपुर।। कस्बे से 2 किलोमीटर दूर दक्षिण में सिकरीगंज मार्ग पर स्थित भरोहियां गांव का जएश्वरनाथ शिव मंदिर क्षेत्र के अति प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है। महाशिवरात्रि पर आज यहां मध्यरात्रि के बाद से ही जलाभिषेक शुरू हो गया। इस मंदिर का उल्लेख रामायण काल और अग्नि पुराण में मिलता है। मंदिर के संदर्भ में दर्जनों किंवदंतियां और कथाएं प्रचलित हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह की इस शिव मंदिर के प्रति अगाध श्रद्धा थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने इस मंदिर का जीर्णोद्धार और नए शिव मंदिर का निर्माण कराया था। महाशिवरात्रि पर्व पर,सावन के महीने और अधिकमास में यहां पर मेला लगता है। श्रद्धालु शिव भक्तों की टोलियां नित्य जलाभिषेक के लिए पहुंचती हैं। शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां रामलीला का आयोजन किया जाता है। जो कि सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा है। मान्यता है कि जएश्वरनाथ की पूजा और जलाभिषेक रूद्राभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भूत-भावन महादेव भगवान शिव शंकर जरूर पूरी करते हैं। लोगों का मानना है कि मंदिर परिसर और आसपास में कभी किसी की अकाल मृत्यु नहीं हुई है जबकि मंदिर गोरखपुर गोला मुख्य मार्ग पर स्थित है। इतना ही नहीं क्षेत्र में सूखा/अकाल पड़ने पर शिव भक्तों द्वारा भगवान जएश्वरनाथ का सामूहिक जलाभिषेक किया जाता है जिससे बारिश आवश्य होती है। भूमि से स्वत: प्रस्फुटित यहां के शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए क्षेत्र ही नहीं बल्कि दूरदराज और अन्य जनपदों के लोग भी आते हैं। क्षेत्र के हजारों गांवों के लाखों शिव भक्तों की जएश्वरनाथ के प्रति अथ श्रद्धा है। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लगने वाले भव्य मेले में मध्यरात्रि से ही भक्तों की भारी भीड़ रहती है और तिल भर स्थान भी नहीं बचता। क्षेत्र के वयोवृद्ध लोग भी मंदिर का कोई प्रामाणिक इतिहास नहीं बता पाते बताते हैं कि हमने अपने बाप-दादा से जयश्वरनाथ शिव मंदिर के महत्व वर्णन को सुना था और उन्हें उनके बुजुर्गो ने बताया था। इस प्रकार सैकड़ों वर्ष पहले तक का वर्णन मिलता है। जएश्वरनाथ का उल्लेख अग्नि पुराण और वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है। इसके साथ ही नगर पंचायत उनवल के झारखंडेश्वर शिव मंदिर, सरयां तिवारी गांव के नीलकंठ महादेव, गड़ैना,डोडों, सतुआभार, भैंसा बाजार,रकौली, खजुरी, खुटभार, माता कोटही मंदिर परिसर में बने शिवमन्दिर और समाधिनाथ शिव मंदिर रूद्रपुर गांव में भी शिवभक्तों ने श्रद्धापूर्वक जलाभिषेक किया। स्थानीय प्रशासन मुस्तैदी से व्यवस्था में जुटा रहा।