सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लापता होती लड़कियां और महिलाएं यह एक बहुत गंभीर समस्या है। हमारे देश की लड़कियां और महिलाएं लापता हो रही है, यह सबके लिए तो एक खबर है लेकिन जिसके घर की महिलाएं और लड़कियां लापता हो रही है उनके ऊपर क्या बीतता है यह समझ से परे है। तमाम सरकारी या गैर सरकारी योजनाओं के होते हुए भी लड़कियों के साथ शोषण कम नहीं हुआ है। हमें अपनी लड़कियों को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए।ताकि वो अपना भला-बुरा समझ सकें। उन्हें जागरूक ,सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। साथ ही लड़कियों के माँ-पिता को भी जागरूक होना चाहिए।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू किसानों को धान रोपने के लिए कौन सा विधि ,किस तरह से लगाना है इसकी जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
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माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बच्चों के इशारों को समझना बहुत ज़रूरी है। कार्यक्रम सुनिए और बताइए,आप अपने छोटे बच्चे के इशारों से उसकी ज़रूरत को कैसे समझते हैं?
तमाम दावों के बाद भी सच्चाई यही है कि आज भी देश में महिलाएँ और लड़कियां गायब हो रही है और हमने एक चुप्पी साध राखी है। दोस्तों, महिलाओं और किशोरियों का गायब होना एक गंभीर समस्या है जो सामाजिक मानदंडों से जुड़ी है। इसलिए इसे सिर्फ़ कानूनी उपायों, सरकारी कार्यक्रमों या पहलों के ज़रिए संबोधित नहीं किया जा सकता। हमें रोजगार, आजीविका की संभावनाओं की कमी, लैंगिक भेदभाव , जैसे गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए सोचना होगा। साथ ही हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- आप इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? साथ ही आप सरकार से इस मुद्दे पर क्या अपेक्षाएं रखते हैं? *----- आपके अनुसार लड़कियों और महिलाओं को लापता होने से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?
Transcript Unavailable.
उत्तरप्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि भारतीय संविधान जहां अनुच्छेद चौदह से लेकर अनुच्छेद 21 तक समानता की बात करता है, वहीं सामाजिक जागरूकता सचेत रूप से अपनी सौहार्द बनाए रख रही है। दुकानों पर अपना नाम लिखने के आदेश को लेकर काफी हंगामा हुआ, फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बदल दिया, जबकि यूपी सरकार ने आदेश दिया था कि कावड़ यात्रियों के रास्ते की दुकानें होटलों में होनी चाहिए। और ढाबा मालिक अपना और अपने कर्मचारियों का नाम लेते हैं सरकार ने कहा कि यह आदेश कांवड़ यात्रियों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए दिया गया था, लेकिन हो सकता है कि होटल मालिक यह बता सकें। यहाँ का भोजन, शाकाहारी हो या मांसाहारी, शुद्ध हो या न हो, स्वच्छ हो या न हो, कैसा है, लेकिन कांवड़ियों का कहना है कि यह सरकार का निर्णय था क्योंकि दुकानदार सही था। सरकार के इस फैसले से कांवड़ यात्री बहुत खुश थे, लेकिन कांवड़ मार्ग पर दुकानों के मालिक ने अपनी नेमप्लेट लगा दी। इस आदेश ने हंगामा खड़ा कर दिया और सभी विपक्षी दलों ने नेम प्लेट आदेश का विरोध किया क्योंकि नेम प्लेट से कुछ दुकानों को लाभ होता है और कुछ दुकानदारों को नुकसान होता है।
आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे बीमा के बारे में