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उत्तरप्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि भारतीय संविधान जहां अनुच्छेद चौदह से लेकर अनुच्छेद 21 तक समानता की बात करता है, वहीं सामाजिक जागरूकता सचेत रूप से अपनी सौहार्द बनाए रख रही है। दुकानों पर अपना नाम लिखने के आदेश को लेकर काफी हंगामा हुआ, फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बदल दिया, जबकि यूपी सरकार ने आदेश दिया था कि कावड़ यात्रियों के रास्ते की दुकानें होटलों में होनी चाहिए। और ढाबा मालिक अपना और अपने कर्मचारियों का नाम लेते हैं सरकार ने कहा कि यह आदेश कांवड़ यात्रियों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए दिया गया था, लेकिन हो सकता है कि होटल मालिक यह बता सकें। यहाँ का भोजन, शाकाहारी हो या मांसाहारी, शुद्ध हो या न हो, स्वच्छ हो या न हो, कैसा है, लेकिन कांवड़ियों का कहना है कि यह सरकार का निर्णय था क्योंकि दुकानदार सही था। सरकार के इस फैसले से कांवड़ यात्री बहुत खुश थे, लेकिन कांवड़ मार्ग पर दुकानों के मालिक ने अपनी नेमप्लेट लगा दी। इस आदेश ने हंगामा खड़ा कर दिया और सभी विपक्षी दलों ने नेम प्लेट आदेश का विरोध किया क्योंकि नेम प्लेट से कुछ दुकानों को लाभ होता है और कुछ दुकानदारों को नुकसान होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत के आम लोग अक्सर सरकारी सेवाओं के बारे में शिकायत करते हैं क्योंकि वे उनसे ठीक से लाभ नहीं उठा पाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बिना एक अच्छे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती और यह भारत के एक आम नागरिक के लिए बहुत दुर्लभ है। आज भी बेटे की वजह से लोग बच्चों की संख्या बढ़ाते जा रहे हैं, जिससे वे अपने परिवार का ठीक से पालन-पोषण नहीं कर पा रहे हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। यह भी सच है कि सरकारी योजनाओं का दायरा बढ़ रहा है और दूसरी ओर लाभ कम हो रहे हैं। वह इसे उठाने में सक्षम नहीं है क्योंकि वह इसके बारे में ठीक से नहीं जानती है और उसके पास अच्छी जानकारी नहीं है। उसके पास अब हर चीज के लिए ऑनलाइन आवेदन है। अधिकतर गाँवों में। छोटे फोन हैं और ऑनलाइन पढ़ाई करना जरूरी है और वह खुद इस एप्लीकेशन को नहीं कर पा रहा है। इसलिए आप नहीं जानते कि आपको किसने क्या बताया, केवल आप जानते हैं, सरकारी लाभ उस व्यक्ति को नहीं मिल रहे हैं जिसे यह मिलना चाहिए, जिसे इसकी आवश्यकता नहीं है वह चारों ओर से लाभ उठा रहा है, यह सच है कि सरकारी सुविधाएं इसमें भी वृद्धि होनी चाहिए और आम जनता को भी इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, लेकिन जब तक जनता अच्छी तरह से शिक्षित नहीं होगी, तब तक वह कुछ नहीं कर पाएगी। यह महत्वपूर्ण है और यह भी सच है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य अच्छा है लेकिन यह बहुत महंगा है। आप एक निजी अस्पताल जाते हैं और इसमें बहुत पैसा खर्च होता है, जिसे आम जनता वहन नहीं कर सकती। चूंकि वह पैसे की व्यवस्था करता है लेकिन ठीक से पूरा इलाज नहीं करवा पाता है, इसलिए उसे अपना इलाज बीच में ही छोड़ना पड़ता है। मातृ बंधन योजना भारत सरकार की एक योजना है। एक योजना है जो गर्भवती महिलाओं को उन लोगों के लिए सहायता प्रदान करती है जो गरीबी और भूख से लड़ रहे हैं, लेकिन वे लोग इसका ठीक से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जिनके पास पैसा है, अब सरकार की जो भी योजना हो, लेकिन आपका परिवार अपने आप आगे बढ़े ताकि आप अपने बच्चे को अच्छा जीवन दे सकें।

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6 जिलों को मिलाकर बनाए जा रहे राज्य राजधानी क्षेत्र में बाराबंकी के 234 गांव भी शामिल होंगे । मंगलवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लग जाने के बाद एससीआर के गठन को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया है ।

महाशिवरात्रि को 2 दिन शेष हैं लेकिन पूरे महादेवा क्षेत्र में हर-हर बम बम का उद्घोष सुनेई दे रहा है ।

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