उत्तरप्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत के आम लोग अक्सर सरकारी सेवाओं के बारे में शिकायत करते हैं क्योंकि वे उनसे ठीक से लाभ नहीं उठा पाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बिना एक अच्छे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती और यह भारत के एक आम नागरिक के लिए बहुत दुर्लभ है। आज भी बेटे की वजह से लोग बच्चों की संख्या बढ़ाते जा रहे हैं, जिससे वे अपने परिवार का ठीक से पालन-पोषण नहीं कर पा रहे हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। यह भी सच है कि सरकारी योजनाओं का दायरा बढ़ रहा है और दूसरी ओर लाभ कम हो रहे हैं। वह इसे उठाने में सक्षम नहीं है क्योंकि वह इसके बारे में ठीक से नहीं जानती है और उसके पास अच्छी जानकारी नहीं है। उसके पास अब हर चीज के लिए ऑनलाइन आवेदन है। अधिकतर गाँवों में। छोटे फोन हैं और ऑनलाइन पढ़ाई करना जरूरी है और वह खुद इस एप्लीकेशन को नहीं कर पा रहा है। इसलिए आप नहीं जानते कि आपको किसने क्या बताया, केवल आप जानते हैं, सरकारी लाभ उस व्यक्ति को नहीं मिल रहे हैं जिसे यह मिलना चाहिए, जिसे इसकी आवश्यकता नहीं है वह चारों ओर से लाभ उठा रहा है, यह सच है कि सरकारी सुविधाएं इसमें भी वृद्धि होनी चाहिए और आम जनता को भी इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, लेकिन जब तक जनता अच्छी तरह से शिक्षित नहीं होगी, तब तक वह कुछ नहीं कर पाएगी। यह महत्वपूर्ण है और यह भी सच है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य अच्छा है लेकिन यह बहुत महंगा है। आप एक निजी अस्पताल जाते हैं और इसमें बहुत पैसा खर्च होता है, जिसे आम जनता वहन नहीं कर सकती। चूंकि वह पैसे की व्यवस्था करता है लेकिन ठीक से पूरा इलाज नहीं करवा पाता है, इसलिए उसे अपना इलाज बीच में ही छोड़ना पड़ता है। मातृ बंधन योजना भारत सरकार की एक योजना है। एक योजना है जो गर्भवती महिलाओं को उन लोगों के लिए सहायता प्रदान करती है जो गरीबी और भूख से लड़ रहे हैं, लेकिन वे लोग इसका ठीक से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जिनके पास पैसा है, अब सरकार की जो भी योजना हो, लेकिन आपका परिवार अपने आप आगे बढ़े ताकि आप अपने बच्चे को अच्छा जीवन दे सकें।
उत्तरप्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आत्महत्या के लिए एक नहीं बल्कि कई लोग जिम्मेदार हैं , यह सच है कि हम अखबार में आत्महत्या की खबर पढ़ते हैं और उसे पढ़कर भूल जाते हैं । यह भी सच है कि महिलाओं में सहनशक्ति अधिक होती है , लेकिन फिर भी उन्हें इतना परेशान किया जाता है कि वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती हैं । आज भी महिलाओं को समाज में स्वतंत्र रूप से रहने की अनुमति नहीं है , चाहे वे कितना भी पढ़ें - लिखें और चाहे कितने भी कानून बनाए जाएं , फिर भी वे सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं । सुस का कहना है कि घरेलू हिंसा के लिए परिवार और समाज सभी जिम्मेदार हैं क्योंकि जब यह सब घर में होता है तो आसपास के लोग भी जानते हैं लेकिन कोई नहीं बोलता है । यदि देखा जाए , तो यह उसके माता - पिता के लिए भी जिम्मेदार है जो उसे सही निर्णय लेने की अनुमति नहीं देते हैं क्योंकि उनका सम्मान अब सवाल में है । महिलाओं को खुद पर नियंत्रण रखना होगा , इसके लिए महिलाओं को बोलना होगा और खुद को बदलना होगा , उन्हें किसी के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी , इसके लिए उनके माता - पिता होने चाहिए । महिलाओं को खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए , उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी है , उन्हें हार नहीं माननी चाहिए । क्योंकि आत्महत्या करना सही तरीका नहीं है , इसलिए हर चीज का समाधान है । आत्महत्या अन्य महिलाओं के आत्मविश्वास को भी बाधित करती है जब वे खुद की मदद करेंगी ।
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उदास ने अपने संगीत कैरियर कई मशहूर गजलें, जिसमें चिट्ठी आई है, वतन से चिट्ठी आई है, उनकी लोकप्रिय गजल थी जिसने संगीत और देशप्रेम की सीमाओं के बाहर सुना गया। इसके अलावा आदमी खिलौना है, जैसी तमाम गजलें गाईं। जिससे उन्हें बेतहाशा प्रसिद्धि मिली, उन्हें जगजीत सिंह के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गजल गायक भी माना गया।
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