सिमराही नगर पंचायत स्थित पूर्व मुखिया बैद्यनाथ प्रसाद भगत के परिसर में पंजाब नेशनल बैंक शाखा का शुभारंभ समारोह आयोजित कर किया गया। शाखा का उद्घाटन जोनल मैनेजर पटना एस. एस. दास एवं सर्किल हेड एसके झा, प्रखंड प्रमुख फिदा हुसैन, बीडीओ ओम प्रकाश कुमार, पूर्व प्राचार्य सह जदयू प्रखंड अध्यक्ष डा. कमल प्रसाद यादव, उप मुख्य पार्षद विनीता देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर अंचल हेड ने कहा कि इतनी ठंड के बावजूद भी आप लोगों ने इस समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ये सौभाग्य की बात है। कहा कि पंजाब नेशनल बैंक बेहतर से बेहतर सेवा देने को हमेशा तत्पर रहता है। यह देश का अग्रणी बैंक है। यहां हाेम लोन, कार लोन के अलावा ग्राहक का जमा एवं निकासी में किसी भी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। हमलोग का मुख्य उद्देश्य है सेवा देना। पूर्णिया से आए अंचल हेड एस के झा ने कहा कि कस्बाई क्षेत्र में व्यापारियों को एवं आम नागरिकों के सुविधा के लिए लगातार बैंक की शाखाएं खोली जा रही हैं। सिमराही बाजार व्यापार के लिए बहुत बड़ा केंद्र है। मौके पर ललित जायसवाल,शाखा प्रबंधक मनमोहन झा, गोपीकांत झा, दीपक कुमार, रघुवीर भगत, दिलीप पूर्वे, प्रदीप भगत, संजीव दास, विपिन साह, राधेश्याम भगत सहित ग्राहक उपस्थित थे।
सदर अस्पताल परिसर स्थित पुराने सिविल सर्जन कार्यालय में आग लग गई, जिससे काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। हालांकि, दमकल गाड़ी के आने के बाद आग पर काबू पाया गया। इस अगलगी में उस भवन में रखे ब्लीचिंग, चूना सहित पुराने कागजात जलकर राख हो गए। आग क्यों और कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है। कोई बिजली शार्ट सर्किट से आग लगने का कारण बता रहा है तो कोई कुछ और। वैसे इस घटना के पीछे कोई साजिश होने की भी बात कही जा रही है। अस्पताल के कर्मियों ने बताया कि दोपहर के लगभग बारह बजे उस भवन से धुआं निकल रहा था और जबतक कोई कुछ समझ पाता तब तक आग की लपटें निकलने लगी। देखते ही देखते भवन के अंदर के भाग को आग ने अपने आगोश में ले लिया। सिविल सर्जन डा. ललन ठाकुर ने बताया कि प्रथम दृष्टया बिजली शार्ट सर्किट से आग लगना प्रतीत हो रहा है। वैसे छानबीन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि उस भवन में चूना व ब्लीचिंग पाउडर रखा हुआ था जो बर्बाद हो गया। बहुत पहले की एक्सपायरी दवा भी रखी हुई थी। मालूम हो कि उक्त भवन में वर्षों पूर्व सिविल सर्जन कार्यालय चलता था। नये भवन बनने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय वहां से हट गया और उसमें जिला यक्ष्मा केंद्र का कार्यालय चलने लगा। जब यक्ष्मा केंद्र को सदर अस्पताल के भवन में शिफ्ट किया गया तो उस पुराने भवन को परित्यक्त घोषित कर दिया। अब सवाल उठता है कि जब उसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया तो उस भवन में बिजली कैसे थी। हालांकि, कई लोग दबी जुबान शार्ट सर्किट से आग लगने की बात को नकार रहे हैं। इसके पीछे कोई न कोई साजिश बताया जा रहा है। वैसे असलियत का पता तो जांच के बाद ही चलेगा।
जिले में शीतलहर और ठंड को देखते हुए कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन कार्यों को 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसको लेकर जारी आदेश में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि जिले में चल रही भीषण शीतलहर और ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में जिला पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश के आलोक में कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य 16 से 18 तक स्थगित रखा जाएगा। इस दौरान सभी विद्यालय प्रधान समेत शिक्षक उपस्थित रहकर विद्यालय का अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों का संपादन करेंगे।
मुख्य सड़क की बात कौन करे गांव की सड़कें भी अतिक्रमण का शिकार है। इससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो गांव की छोटी सड़क जिसकी चौड़ाई ही 10 से 12 फीट है और उसका भी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं कोई सड़क को अतिक्रमण कर घर बनाए हुए है तो कहीं दलान बना रखा है तो कहीं लोगों के द्वारा जलावन, पुआल को सड़क से सटाकर रखने की परंपरा है। इतना ही नहीं सड़कों पर माल-मवेशी बांधना भी शान में शामिल है। करीब-करीब पिपरा प्रखंड के लगभग दर्जनों गांवों में यही स्थिति बनी हुई है जिससे हर आने-जाने वाले लोगों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो बीच सड़क पर बंधे मवेशी को राहगीरों द्वारा हटाया जाता है। यदि कोई भी राहगीर इन अतिक्रमणकारियों को मवेशी या जलावन हटाने की भी बात कहते है तो उनसे ही वे उलझ पड़ते हैं। आये दिन सड़क दुर्घटना में लगातार वृद्धि हो रही है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रखंड के महत्वपूर्ण निर्मली चौक से कटैया, बथनाहा होते रतौली जाने वाली मुख्य सडक की स्थिति तो बिल्कुल दयनीय है। इस पथ पर कूड़ा का ढेर लगा हुआ है तथा जानवरों को बांध दिये जाने से बराबर दुर्घटना होती रहती है तथा वाहन चालकों की जान हमेशा सांसत में रहती है। गांवों में सड़क अतिक्रमण का शिकार होकर लगातार सिकुड़ती जा रही है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से अविलंब सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
छात्रों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप सेल, सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय के द्वारा गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा. अच्युतानन्द मिश्रा ने किया। उन्होंने बदलती तकनीक और स्टार्टअप के महत्व को समझाया। इसी बीच छात्रों ने बढ़ चढ़कर अपने स्टार्टअप के बारे में बताया। बदलते समय में नवाचार के माध्यम से नई समस्याओं एवं उसके समाधान को आगे लाया जा सकता है। ये युवाओं के माध्यम से समाज के विकास और उनके ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान बनेगा। उन्होंने इस शानदार आयोजन के लिए मुख्य अतिथि को धन्यवाद दिया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रिंस शुभम, शिवम कुमार एवं गंधर्व वत्स ने अपने स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी एवं छात्रों को उनके स्टार्टअप पर मदद करने का आश्वासन दिया। कहा कि आज सरकार युवाओं की सोच एवं नवाचार को बढ़ाने के लिए कई योजना चला रही है, जिसका लाभ युवाओं को लेना चाहिए। इन्होंने उद्यमिता से जुड़े कई आयामों पर चर्चा की और उद्यमिता को देश की जरुरत बताया। प्रो शादाब आज़म सिद्दीकी, फैकल्टी इंचार्ज, स्टार्टअप सेल ने उन्हें प्रेरित किया। स्टार्टअप को-आर्डिनेटर प्रदीप कुमार ने बिहार स्टार्टअप पालिसी 2022 के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में छात्र प्रतिनिधि आज़ाद आर्यन एवं रविरंजन वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
बढ़ते ठंड के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर से अलाव व्यवस्था,आपको बता दे की बढ़ते ठंड के मद्देनजर नगर पंचायत निर्मली प्रशासन के द्वारा मंगलवार को नगर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर अलाव हेतु लकड़ी गिराया गया है।ताकि आते जाते लोग भीषण ठंड में अलाव का लाभ ले सके।इधर नगर पंचायत के द्वारा अलाव व्यवस्था हेतु गिराए गए लकड़ी से लोग अलाव का लाभ लेते दिखे।लोगो ने भीषण ठंड में अलाव व्यवस्था करने हेतु नगर पंचायत को धन्यवाद दिया है।
आगामी कर्पूरी जयंती मनाए जाने को लेकर जदयू कार्यकर्ताओ की हुई बैठक।जी हा आपको बता दे की जय नारायण कर्पूरी ठाकुर जयंती मनाए जाने को लेकर जदयू कार्यकर्ताओ की एक बैठक हुई।बैठक का आयोजन निर्मली प्रखंड क्षेत्र के जदयू कार्यकर्ता उत्तिम लाल मंडल के आवासीय परिसर में हुआ।जिसकी अध्यक्षता जदयू प्रखंड अध्यक्ष नथुनी मंडल ने किया।इस दौरान बैठक में विशेष अतिथि के रूप में निर्मली विधायक अनिरुद्ध प्रसाद मौजूद रहे। जहां आगामी जय नारायण कर्पूरी ठाकुर जयंती मनाए जाने को लेकर विचार विमर्श किया गया।बता दे कि बैठक में दर्जनों जदयू कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मरौना प्रखंड मुख्यालय स्थित टीसीपी भवन मरौना में प्रखंड प्रमुख मंजुला देवी के खिलाफ लगे अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर मंगलवार को पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक होनी थी।लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पक्ष के सभी 6 पंसस अनुपस्थित रहे।लिहाजा प्रावधान के मुताबिक प्रखंड प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और प्रखंड प्रमुख अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं।जिसके बाद समर्थको में खुशी देखी गई ।
बायसी पंचायत होकर बहनेवाली गम्हरिया तथा मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलने वाली नहरी व माइनर बेकार होने से खून-पसीने की मेहनत से लगाई गई गेंहू व मकई की फसल अब पानी के लिए तरस रही है। बायसी पंचायत होकर बहने वाली मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलने वाली नहरी लंबे समय से जर्जर होने के चलते किसान मजबूरी में पंपसेट से सिंचाई करने को मजबूर हैं। बायसी के किसान चंदन मेहता, धनंजय मेहता, जयनारायण मेहता, पवन मेहता, रूपेश मेहता, अशोक मेहता, पुनीत मेहता, परमानंद मेहता, प्रेमदयाल मेहता, रामकुमार मेहता, गंगा मेहता आदि ने बताया कि मधेपुरा उपशाखा नहर से निकलकर बायसी वार्ड नंबर 13 में आने वाली नहरी की हालत लंबे समय से जर्जर है। जिसके चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इस नहरी से दर्जनों एकड़ खेतों की सिंचाई होती थी। लेकिन लापरवाही व उदासीनता के चलते यह नहरी नाकाम हो गई है। किसानों ने बताया कि मनरेगा से अगर इस नहरी की सफाई व मरम्मत करवा दिया जाए तो पानी की समस्या का समाधान हो जायेगा।
बीते कई दिनों से मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों की दिनचर्या ही बदल दी है। सर्द हवाओं के साथ ठंढ कहर बढ़ता ही जा रहा है। सुबह में कोहरे की मार और दिनभर ठिठुरन से लोग बेहाल नजर आ रहे हैं। कोहरे व ठंढ के चलते लोगों की दिनचर्या के साथ-साथ यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रहा। कोहरे के साथ-साथ ठंढ में अचानक वृद्धि से बच्चे व बूढ़े पर सबसे अधिक आफत आ गई है। वहीं कोहरा एवं ठंढ के चलते सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं। सूर्यदेव के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। अगर कभी निकलते भी हैं तो अधिक देर तक वह दिख नहीं पाते हैं। अपनी तपिश से लोगों का पसीना छुड़ानेवाले भी ठंड के सामने लाचार व बेवस नजर आ रहे हैं। सूर्यदेव की चमक के साथ-साथ तपिश भी गायब है। बाज़ारों में ख़ामोशी छा गई है। सुबह जहां देर से दुकानें खुलती हैं। वहीं शाम होते ही लोगों की आवाजाही कम हो जाती है। ग्रामीण इलाकों में भी लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल गई है। ठंढ से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
