मधेपुरा के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कार्यालयी कार्यों में सुधार हेतु कई कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में किसी भी पदाधिकारी, प्रधानाचार्य, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी, छात्र-छात्राओं तथा आगंतुक अतिथियों द्वारा कुलपति महोदय के कक्ष में मोबाइल एवं ऑडियो-वीडियो रिकार्डर आदि ले जाना पूर्णतया वर्जित कर दिया गया है। उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि इस संबंध में कुलपति के आदेशानुसार कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने अधिसूचना जारी कर दी है।

बीएनएमयू में गुरुवार को सुप्रसिद्ध समाजवादी नेता महामना भूपेन्द्र नारायण मंडल की 121 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:30 बजे तक चलेगा। इस अवसर पर सर्वप्रथम भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की जाएगी। तदुपरांत दीक्षा स्थल पर कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में भूपेंद्र नारायण मंडल के जीवन एवं दर्शन पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।

मधेपुरा में गाँधी शहादत दिवस के अवसर पर मंगलवार को पूर्वाह्न 11 : 00 बजे गाँधी की प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि सभा की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बी. एस. झा करेंगे। इसमें सभी पदाधिकारियों, संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया है।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

सूचना क्रांति के इस दौर में सूचनाओं का अंबार है, इंटरनेट के आने से इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका अंदाजा इस एक बात से लगाया जा सकता है कि वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर एक मिनट में “पांच सौ घंटे” तक देखने लायक सामग्री अपलोड की जा रही है। वहीं, व्हाटसेप और फेसबुक मेसेंजर पर सात करोड़ मैसेज और 19 करोड़ ई-मेल हर मिनट भेजे जा रहे हैं। यह आंकड़े इंटरनेट के कुछ गिने चुने माध्यमों के हैं, पूरे इंटरनेट में इसके अलावा भी बहुत सारी सामग्री अलग-अलग माध्यमों में अपलोड की जा रही है।

बिहार राज्य के जिला सुपौल से हमारे श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि नल जल की समस्या है जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है।

बिहार राज्य के जिला सुपौल से हमारे श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गुरमैता प्राथमिक सह मध्य संस्कृत विद्यालय भपटियाही के छात्र-छात्राओं को पढ़ने में काफी कठिनाई होती है। विद्यालय में एक भवन है जिसमें दो कमरा है।विद्यालय में शौचालय का सुविधा नहीं है , जिसके कारण बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं जाना चाहते है।

मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित कला भवन में सोमवार को जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा की अध्यक्षता में बैठक हुई। आगामी इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर सभी स्टैटिक दंडाधिकारी, जोनल, सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, गश्ती दंडाधिकारी, केंद्राधीक्षक के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में परीक्षा केंद्र पर शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने, परीक्षा में कदाचार की रोकथाम करने, परीक्षा के सफल और शांतिपूर्ण संचालन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। सभी केंद्रों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाओं, शौचालय की साफ-सफाई, पीने की पानी की व्यवस्था, सभी कमरों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए

टीपी कॉलेज में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने शनिवार को बीएनएमयू के परिसंपदा पदाधिकारी के रूप में योगदान दिया है। इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका, विकास पदाधिकारी डॉ. ललन प्रसाद अद्री, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे। उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डॉ. मिश्रा ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी), पटना की अनुशंसा के आलोक में जुलाई 2017 में विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में योगदान दिया है। कुछ महीनों बाद ही उनको तत्कालीन कुलपति प्रो. अवध किशोर राय ने उन्हें संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने बताया कि संप्रति डॉ. मिश्रा टीपी कॉलेज में प्रतिनियोजित हैं और मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारियां का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इनकी चार पुस्तकें और दर्जनों आलेख भी प्रकाशित हैं। इनके निर्देशन में चार शोधार्थी पीएचडी उपाधि के लिए शोध कार्य कर रहे हैं।