बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले सुपौल प्रखंड के सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों ने सुपौल बीआरसी में नियमावली की प्रति जलाकर विरोध प्रकट किया। बिहार राज्य शिक्षक संघ के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया शिक्षक ने कहा कि सरकार उन सभी के उचित मांगों को मानने के बजाय प्रताड़ित करने सेवा मुक्त करने की बात करती है जो मानवीय मूल्यों के विपरीत और संविधान का उल्लंघन है।कहा कि नियमावली में कई त्रुटियां हैं जिसका निवारण करना शिक्षा विभाग का दायित्व है।

जमीन बचाओ संघर्ष समिति के शिष्टमंडल की ओर से अनुमंडल पदाधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने के उपरांत संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयनारायण यादव ने कहा कि गैर मजरुआ मालिक खास (खास अराजिदार रैयत) की जमीन में किसानों के साथ छल किया जा रहा है। जिससे सभी पीड़ित परिवार के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। पीड़ित परिवार बिना मुआवजा के कहीं पर रहने का वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कर पाए हैं। इसलिए त्रिवेणीगंज के सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ा है और अगर 48 घंटे के अंदर उचित मुआवजा नहीं दिया गया और जमीन के खरीद बिक्री पर लगे प्रतिबंध को अगर नहीं हटाया गया तो पूरे ग्रामीण और नगरवासी अनिश्चितकालीन धरना पर उतारू हो जाएंगे। शिष्टमंडल में शत्रुघ्न चौधरी, प्रदीप कुमार मुन्ना, कमाल खान, कौशल कुमार, राजकिशोर यादव, भुवनेश्वरी साह, दुर्गी सरदार, अनिल चौधरी, सुरेश यादव, बोधि यादव, ललन कुमार, राजेश कुमार,सुधा मार्टिन, आश्रफी राम, रणधीर कुमार, घनश्याम भगत, विनोद दास, जन्मजाई राई, चंदेश्वरी यादव, ज्योतिष चौधरी आदि शामिल थे।

देश दुनिया के संत-महात्मा व महापुरुष एवं संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के अनमोल विचारों को जन-जन में पहुंचाने के उद्देश्य से दो दिवसीय विश्वस्तरीय संतमत सत्संग-सह-विराट ज्ञान यज्ञ को लेकर ध्वजारोहण के मौके पर महर्षि मेंही सत्संग मंदिर ठाकुरबाड़ी रोड से शोभा यात्रा निकलकर शहर के विभिन्न मार्गों व चौक-चौराहे होते हुए चकला निर्मली स्थित यज्ञ स्थल पर पहुंचकर संतमत के विधि विधानपूर्वक ध्वजारोहण कार्यक्रम भव्य तरीके से संपन्न हुआ। यज्ञ स्थल पर सर्वसम्मति से आयोजन समिति के अध्यक्ष सह शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. राजाराम गुप्ता, महामंत्री डा. अमन कुमार, संयोजक नारायण पौद्दार, कोषाध्यक्ष वासुदेव चौधरी, उप कोषाध्यक्ष हरिशंकर चौधरी तथा सचिव राजीव कुमार को मनोनीत किया गया। वहीं स्वागताध्यक्ष डा. विजय शंकर चौधरी, उप स्वागताध्यक्ष मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव व भगवानदत्त चौधरी को जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के सदस्य सह आयोजन समिति महामंत्री डा. अमन कुमार ने कहा कि 10 एवं 11 मार्च 2024 को सुपौल नगर परिषद स्थित चकला निर्मली में आयोजित विराट ज्ञान यज्ञ में महर्षि मेंही ब्रह्म विद्यापीठ, हरिद्वार उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत परम पूज्य स्वामी व्यासानंद जी महाराज बतौर मुख्य प्रवचन कर्ता के रूप में शामिल होंगे। इतना ही नहीं कोसी प्रमंडल के सभी संतमत आश्रम से साधु-महात्मा विराट ज्ञान यज्ञ में शामिल होंगे। विराट ज्ञान यज्ञ की सफलता को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। यज्ञ स्थल पर आयोजित सत्संग में प्रवचन करते हुए पूज्य कमलेश्वरी बाबा ने कहा कि सदा प्रसन्न रहना ही दुश्मन के लिए सबसे बड़ी सजा है। अध्यात्म, सत्य, प्रेम, कर्म, विश्वास, ज्ञान और दर्पण जीवन के सच्चे मंत्र है। जीवन में अधिक रिश्ते का होना महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि रिश्तों में अधिक जीवन का होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। पूज्य शिवानंद बाबा, रामदेव बाबा, क्षेमानन्द बाबा, किशोरानंद बाबा, माणिक बाबा व आजाद बाबा ने अध्यात्म व सत्संग पर जोर देते हुए कहा कि किसी को कष्ट पहुंचाकर क्षमा मांग लेना बहुत आसान है। लेकिन खुद चोट खाकर किसी को माफ़ कर पाना बहुत कठिन है। गंभीरता और मौन दो ऐसे मंत्र है। जिनके द्वारा हर समस्या का निराकरण किया जा सकता है। ध्वजारोहण कार्यक्रम में सैकड़ों धर्मप्रेमी ने बढ़-चढ़ कर भाग लिए। मौके पर विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सत्संग मंदिर अध्यक्ष दिलीप साह, मंत्री वासुदेव चौधरी, सत्यनारायण शर्मा, राजो यादव, तारकेश्वर प्रसाद सिंह, दुर्गा प्रसाद चौधरी, संदीप कुमार, ई. अशोक चौधरी, डा. सत्यप्रकाश मल्लिक, श्यामसुंदर ठाकुर, विपिन कुमार, सुनील भारती, हरिशंकर चौधरी, बैद्यनाथ चौधरी, रामचंद्र मंडल, देवनारायण यादव, दामोदर प्रसाद गुप्ता, रामगोपाल चौधरी, लाल बहादुर साह, डा. अर्जुन यादव, शंकर मंडल, अवधेश कुमार, स्वीटी कुमारी, छाया कुमारी, दिनेश मंडल, सत्यनारायण चौधरी, योगेन्द्र चौधरी, मनोज गुप्ता, संतोष जयसवाल, सर्वेश कुमार, मदन कुमार मंडल, गुरु प्रसाद गुप्ता आदि ने बढ़-चढ़ कर भाग लिए।

कोसी प्रभावित सुपौल जिले की बंजर जमीन अब बेकार नहीं रहेगी। ऐसी जमीन में किसान औषधीय सुगंधित खस की खेती कर सकते हैं। इस खेती के लिए सरकार किसानों को मदद भी देगी। जिले में पहले दफे खस खेती को लेकर विभाग को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके तहत जिले में इस वर्ष 15 हेक्टेयर खेतों में इसकी खेती की जाएगी। इस खेती पर विभाग द्वारा किसानों को 76125 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा। फिलहाल खस खेती को लेकर किसानों से आवेदन लिए जा रहे हैं। दरअसल राज्य के 9 जिलों में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के लिए जलवायु उपयुक्त पाया गया है। चिन्हित इन नौ जिलों में सुपौल भी शामिल है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत फसल विविधीकरण योजना के तहत इस खेती के लिए जिला को लक्ष्य देकर सुगंधित एवं औषधीय पौधों और शुष्क बागवानी फसलों के क्षेत्र का विस्तार किया जाना है। इस खेती पर किसानों को अनुदान देकर उनकी आय में वृद्धि किया जाना मुख्य मकसद है। ----------------------------- कृषि विभाग की बेवसाइट पर करना पड़ेगा आवेदन फसल विविधीकरण योजना के तहत खस खेती करने के इच्छुक किसान न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर तथा अधिकतम चार हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान का फायदा उठा सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्यान निदेशालय कृषि विभाग की बेवसाइट पर फसल विविधीकरण योजना पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ---------------------------- किसानों की बढ़ेगी आमदनी खस एक प्रकार का घास है जो सुखे की स्थिति एवं जलजमाव दोनों में उगाया जा सकता है। इसकी खेती विभिन्न प्रकार की जमीन में आसानी से उगाया जा सकता है। खासकर वैसी जमीन जिसमें अन्य महत्वपूर्ण फसलों का उत्पादन नहीं किया जा सकता है वहां पर खस का उत्पादन कर भूमि का उपयोग एवं उसकी जड़ों से उच्च गुणवत्ता का तेल प्राप्त किया जा सकता है। इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि की जा सकती है।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

निर्मली(सुपौल) : प्रखंड क्षेत्र के मझारी चौक पर सोमवार को पटना से सुपौल जाने के क्रम में बिहार सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास विभाग मंत्री सह वर्तमान झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा का बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ सुपौल के जिला संयोजक सहित अन्य ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।इस दौरान बीजेपी जिला संयोजक तरुण जैन ने पूर्व मंत्री को मिथिला परंपरा अनुसार शॉल,फूल का माला पहनाकर स्वागत किया।वही अमात सेवा संस्थान के अध्यक्ष सह बीजेपी समर्थक जयकांत राय ने भी मंत्री को फूल का माला व बिहारी का शान गमछा देकर स्वागत किया।इस दौरान बीजेपी के जिला संयोजक ने कहा कि नीतीश मिश्रा एक प्रसिद्ध नेता है

ठगी का शिकार हुई महिला न्याय पाने पहुंची थाना, जी हां आपको बता दे कि मामला निर्मली थाना क्षेत्र से जुड़ा है।जहां क्षेत्र के दर्जनों महिला सोमवार को निर्मली थाना पहुंचे ।जहां महिलाओं का आरोप है कि क्षेत्र के मझारी गांव का एक लड़का लोन और राशन देने के नाम पर तीन तीन हजार रुपए की दर से करीब सैकड़ों महिलाओं से लाखो रुपए की ठगी कर लिया।जिसके बाद वह फरार हो गया।लेकिन महिलाओं ने रविवार को युवक को पकड़ा और पैसे की डिमांड कर दी।लेकिन मामला बढ़ गया और बात थाने तक आ गई।हालंकि पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दिया है।

विवादित जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो रहा है

सुनिए एक प्यारी-सी लोरी। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में कई भाषाओं की लोरियां गाई जाती है। इनकी मदद से आप अपने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को बेहतर कर सकते है।आज की लोरी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये लोरी सुनी? क्या आपके पास भी कोई प्यारी-सी लोरी है? तो अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड करें, फ़ोन का नंबर 3 बटन दबाकर।

बिहार सरकार द्वारा साक्षमता परीक्षा नियमावली में संशोधन किए जाने के खिलाफ रायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई शिक्षकों ने सोमवार को प्रखंड कार्यालय गेट पर पहुंचकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों का कहना था कि सरकार उन सब के साथ बार-बार सौतेला व्यवहार कर रही है और सक्षमता परीक्षा के नाम पर मानसिक रूप से प्रसारित करने में लगी है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष पंकज कुमार जायसवाल के उपस्थिति में प्रखंड अध्यक्ष देवनारायण रंजन सत्येंद्र कुमार अशोक कुमार मेहता आदि ने कहा कि वह सब बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर चले प्रखंड इकाई सरायगढ़ भारतीय ही के सभी शिक्षक ऐसे नियमावली का विरोध कर रहे हैं। कहां की सिनेमा बिल्ली का पूरे बिहार के शिक्षक विरोध कर रहे हैं और वह सभी अपने चट्टानी एकता के बाल सरकार को ऐसी बात आदेश को वापस लेने पर बाध्य कर देंगे।