सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।
CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
नमस्कार , मैं अंश कुमारी हूँ , आप सभी का स्वागत है । मिट्टी की परीक्षा समाप्त होने के बाद सभी कॉलेज , हाई स्कूल , कॉलेज खुल जाते हैं ।
नमस्ते मैं अंश कुमारी हूँ आप उन सभी छात्रों का स्वागत करते हैं जो दो हजार चौबीस से छब्बीस स्टेशन में D . El . Ed करने जा रहे हैं , उन छात्रों के लिए आवश्यक जानकारी जो दो हजार छब्बीस स्टेशन करने जा रहे हैं । चौबीस से छब्बीस में , डेडिट के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरें , उनका डमी प्रवेश पत्र आ गया है , वे छात्र अपना डमी प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं और यदि किसी भी छात्र को कोई त्रुटि है तो इसकी त्रुटि की जांच कर सकते हैं । वे छात्र अब 26 फरवरी तक त्रुटि को ठीक कर सकते हैं , इसलिए जिन छात्रों के डमी प्रवेश पत्र में कोई त्रुटि है , वे निकटतम सावर में जा सकते हैं और 26 फरवरी तक त्रुटि को ठीक कर सकते हैं , धन्यवाद ।
आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
नमस्कार , मैं आप सभी का काजल कुमारी सहरता मोहलवानी , ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा के सभी छात्रों का स्वागत करता हूं ।
नमस्कार , मैं आप सभी का काजल कुमारी साहस मौलवानी में स्वागत करता हूं । कला स्नातक प्रथम श्रेणी सत्र दो हजार बाईस से दो हजार पच्चीस कला संकाय का परिणाम आज जारी होने की संभावना है ।
चतरा को झारखण्ड या छोटा नागपुर का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। 1857 के विद्रोह के दौरान छोटानागपुर में विद्रोहियों और ब्रिटिशों के बीच लड़ा जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई ‘चतरा की लड़ाई’ थी। चतरा झारखंड राज्य की राजधानी से रांची जिले से करीब 124 किलोमीटर दूर है। चतरा में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते है। और क्या क्या घूमने लायक है चतरा ज़िले में , ये जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।
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