Sarkari yojna ke labh nahi ho raha hai garibo ko

Hame kuchh karna hai aur dikhana hai ki ham aurat bhi kisi se kaam nahi hai

बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारण जिला से आरती कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में आज भी लड़कियों के साथ भेद-भाव किया जाता है। लोग लड़कों को पढ़ने के लिए भेजते हैं या उन्हें हर काम के लिए योग्य मानते हैं ,मगर लड़कियों को उनके मुलाबले कमजोर समझा जाता है। परन्तु वर्तमान समय में ऐसा नही है,लड़कियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं । लड़कियां हर काम में लड़कों के बराबर और ज्यादा जागरूक हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

Yuvao ko Diya jaye rojgar

मझौलिया कृषि विज्ञान केन्द्र माधोपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्राकृतिक खेती विषय पर किया गया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलित कर जीविका के जिला परियोजना प्रबंधन श्री निखिल कुमार एवं केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ अभिषेक प्रताप सिंह ने किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मेरा नाम सीताराम है , मैं बिहार , गाँव धनकुटुआ , पश्चिम चंपारण , पश्चिम चंपारण से बोल रहा हूँ । विधवा महिलाओं के समूह में सरकार स्वरोजगार के लिए बाईस हजार पच्चीस हजार रुपये दे रही है , जो कि प्रधानमंत्री हैं जो लोग हैं । नीचे का अधिकारी उसमें अपने पैसे खा रहा है । कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा है । लोगों में पैसा घुस रहा है । यदि आपको दस हजार मिलते हैं , तो आप पाँच हजार दर्ज कर रहे हैं , तो आप पाँच हजार दे रहे हैं , फिर तीस हजार इस तरह । अगर आपको यह मिल जाता है , तो वे बीस हजार पंद्रह हजार ले रहे हैं और फिर उसके बाद वे इसे दे रहे हैं , तो इसका मतलब इस तरह है , तो मुझे बताएं कि जो महिलाएं खुद को विकसित कर रही हैं , वे दो रुपये कैसे कमाएंगी । लेकिन अगर आप कार्रवाई करेंगे तो मुझे लगता है कि हमारा समाज बहुत अच्छा होगा , महिलाएं बहुत अच्छी होंगी , उनकी स्थिति में भी सुधार होगा क्योंकि यहां बहुत गरीबी है । यह अच्छी बात है , मैं इससे बहुत खुश हूं , लेकिन नीचे के अधिकारी महिलाओं को गुरबुका समझकर लुभाकर पैसे खा रहे हैं , इसलिए कृपया इस बात पर ध्यान दें ।

पश्चमी चम्पारण से आवास का बकाया पैसा नही मिल रहा है

हम बिजली सिंह बोलते हैं पश्चमी चम्पारण से जागरनाथपुर वही हमारे इंदिरा आवास मद पैसा में से पच्चीस हजार मिल गए हैं । बाकी पैसा नही मिल रहा है।

पश्चमी चम्पारण से नाम सीता देवी राशन कार्ड, आधार कार्ड नहीं है, और इंदिरा आवास व शौचालय भी नही मिला है।

हम विकलांग बानी, सरोज़ देवी हमारा नाम है जगन्नाथपुर से बोलते हैं ।