उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए कानूनी प्रावधानों के अलावा किसी भी महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण का उल्लेख किया जाता है। लैंगिक समानता का उद्देश्य जागरूकता प्राप्त करना और कार्यक्रमों का आयोजन करना है। यह कार्यालयों में पोस्टर चिपकाने तक ही सीमित नहीं है, यह सिर्फ किताबों के बारे में नहीं है, हमें इसे अपने जीवन में शामिल करना होगा। समाज की सबसे मजबूत संस्थाएं परिवार और धर्म की मान्यताओं को बदलने से संबंधित हैं।