उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं किआज हमारे पास लड़कों के मानवाधिकारों के लिए दुनिया की अग्रणी विजेताओं में दो दशमलव दो अरब लड़कियां हैं, फिर भी बचपन से ही देखभाल की कमी है। यह बच्चों के बचपन को लूटता है और उनके अवसरों को सीमित करता है, जिससे पूरी दुनिया में लड़कियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। छोड़ दिया जाना, जबरन शादी के लिए मजबूर किया जाना और हिंसा के अधीन होने की संभावना बहुत कम है, भले ही उनकी आवाज़ सुनी जाए। बचपन पर यह हमला राष्ट्रों को उस ऊर्जा और प्रतिभा से भी वंचित करता है जिसकी उन्हें प्रगति के लिए आवश्यकता होती है।