उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं के लिए सामाजिक सोच के ढांचे को बदलना होगा। हमारे समाज की मानसिकता में कुछ ऐतिहासिक भूमि खो गई है, जो बहुत छोटी है। समानता का स्थान देना अच्छा है, लेकिन महिला मुक्ति, महिला सशक्तिकरण का नाम नहीं दे सकते, इससे कोई विशेष अंतर या विशेष प्रभाव नहीं पड़ता, महिला और पुरुष एक-दूसरे के दुश्मन नहीं बल्कि पूरक हैं