उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि एक गतिशील महिला के रूप में उनके अस्तित्व को बहू, बेटी, मां, भाबी, चाची, मौसी जैसी सामाजिक धारणाओं में कैद किया गया है। पुरुष और महिला के बीच तुलना के आधार पर बनाई गई जैविक स्थिति के आधार पर वह जिस आत्म की तलाश कर रही है, उसका स्वतंत्र अस्तित्व न तो संभव है और न ही वैचारिक।