उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह ने गोंडा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी लड़कों को परिवार में गौरव के रूप में देखा जाता है, जबकि लड़कियों को उपभोक्ता के रूप में समाज में कई लोग हैं जो लड़कियों को सेवानिवृत्त मानते हैं। आज के आधुनिक समय में भी दहेज और नाम की बुराई हर जगह है। पिछड़े भारतीय समाज में दहेज अभी भी व्याप्त है। हर घंटे दहेज से संबंधित कारणों से एक महिला की मृत्यु हो जाती है। आंकड़ों के औसत से पता चलता है कि हर घंटे दहेज के लिए एक महिला की बलि दी जा रही है।