उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि परिषद के विद्यालयों में जीर्ण - शीर्ण इमारत को गिराने की प्रक्रिया पिछले दो वर्षों से चल रही है । एक बार फिर जिम्मेदार लोगों ने सात दिन की देरी की मांग की है । यही कारण है कि पिछली बैठक में डीएम को पंद्रह दिनों में विध्वंस की चेतावनी देनी पड़ी थी । जिला अनुवर्ती बैठक में जिम्मेदारी तय की गई । पिछले दो वर्षों में 466 माध्यमिक विद्यालय भवनों को जीर्ण - शीर्ण घोषित किया गया है । दुर्घटना के समय से पहले जीर्ण - शीर्णता के कारण पचास से अधिक स्कूलों को बंद घोषित करना पड़ा । आशंकाओं के कारण , सरकारी स्तर से विध्वंस कार्रवाई का आदेश दिया गया है , लेकिन जिले में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी । डीएम ने पंद्रह दिनों में कार्रवाई की चेतावनी दी थी , लेकिन पंद्रह साल से भी कम समय में जर्जर इमारतों का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है । इस दौरान सीडीओ एम अरुण मौली , डीडीओ सुशील कुमार श्रीवास्तव और बी एससी प्रेमचंद यादव बैठक में मौजूद थे ।