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उत्तरप्रदेश राज्य के मौ जिला से रमेश कुमार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बारिश का आधा समय खतम हो गया है और अभी तक मानसूनी बारिश नहीं हुई है जिसके कारण किसान परेशान हैं उनके फसल बर्बाद हो रहे हैं। धान पानी के बिना सुख रहा है किसान पानी चला रहे हैं लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है। बारिश नाममात्र भी नहीं है। वहीँ घाघरा नदी में उफान आ रहा है घाघरा नदी के किनारे बसने वाले लोग बाढ़ से घिर चुके हैं उनके धान की खेती पानी के वजह से गल गया है गन्ने की खेती खत्म हो गयी है। लोग अपने जानवरों के साथ दूसरे जगह भाग रहे। सड़कों में पानी भरने के कारण बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से रमेश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बारिश का मौसम है मगर मऊ जिला सूखे की चपेट में आ गया है। जब से धन की रोपाई हुई है तब से अच्छी बारिश नही हुई है। किसान लगातार पानी दे कर फसल को ज़िंदा रखे हुए हैं।उमस ज्यादा है और धुप भी बहुत तेज है। जबकि घाघरा नदी वहाँ है। वहीं घाघरा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। नदी के आसपास रहने वाले लोग परेशान हैं। ग्रामीण दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कई स्थानों पर सड़कें भी टूट गई हैं। पानी आने के कारण उन गांवों में वाहन नहीं जा पा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घाघरा नदी का पानी उफान पर है और नदी के आस पास का क्षेत्र बाढ़ प्रभावित हो गया है। ग्रामीणों का खेत पानी में डूब गया है। मार्केट आने जाने का कोई साधन नही है। इससे लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है। ऐसी विकट परिस्थिति में सरकार ना सहयोग कर रही है और ना ही किसी प्रकार की कोई व्यवस्था कर रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से सुरेन्द्रनाथ यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कुछ समय पहले काफी भीषण गर्मी पड़ रही थी और इसका कारण बढ़ती वायु प्रदुषण है। अंधाधुंध पेड़ो की कटाई भी इसका मुख्य कारण है। पर्यावरण प्रदुषण के मुख्य कारण हमारे भौतिक संसाधन है। आगर हमारे आस पास भूमि है तो, हमें पेड़ जरूर लगाने चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से सुरेन्द्रनाथ यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कड़ाके की गर्मी पड़ रही है। इस गर्मी से बचने के लिए आप सभी को दिन में दोपहर में बाहर नहीं जाना चाहिए। बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप खुद को सुरक्षित पाएंगे, साथ ही आपको ध्यान देना चाहिए कि यदि आप धूप या गर्मी महसूस करते हैं, तो आप तुरंत सुरक्षित रहेंगे। इससे बचने के लिए, छायादार पेड़ के पास रुकें और चिलचिलाती धूप से बचने की पूरी कोशिश करें। धूप का चश्मा और जूते पहनें यात्रा के दौरान अपने साथ पानी ले जाना सुनिश्चित करें चाय या कॉफी जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करें, साथ ही यदि आपके पास है अगर आप बाहर काम नहीं कर रहे हैं तो बाहर बिल्कुल न जाएं। गीले कपड़े शरीर पर और चेहरा गर्दन पर रखें। घर में बनी वस्तुएँ जैसे लस्सी, नमक, चीनी का घोल, नींबू का पानी, छाछ। आम के पत्ते आदि का प्रयोग करें। इसके अलावा, अपने जानवरों को छाया में रखें, भरपूर पानी पीएँ और अपने घर को ठंडा रखें।

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश कुमार यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बरसात के मौसम में बारिश नहीं होती है। ठंड के मौसम में ठंडक नहीं होती है। गर्मी अपने चरम को पार कर चुकी है। साथियों, जिस तरह से समाज, जो मनुष्य है, बदल रहा है, उसी तरह जलवायु में भी बदलाव हो रहा है। हर व्यक्ति एक भी पेड़ लगाने पर ध्यान नहीं दे रहा है। वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है। पहले इतनी गाड़ियाँ और घोड़े नहीं थे। वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण उतना प्रदूषण नहीं था जितना आज है। किसान दित में खेती के लिए अपने खेतों से पेड़-पौधे काट रहे हैं, जहां लोगों ने घर बनाए हैं, वे सड़क के किनारे पेड़ नहीं लगा रहे हैं। और पेड़ भी नहीं बढ़ रहे हैं, जिससे हवा में जलवायु परिवर्तन में अधिक गर्मी दिखाई दे रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के मऊ जिला से रमेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जल स्तर कम हो रहा है लोग पानी के महत्व को समझ नहीं पा रहे हैं। दिन-ब-दिन कई गाँवों में देखा जा रहा है कि पानी का स्तर नीचे जा रहा है। गांव में पीने का पानी नहीं मिल रहा है हैण्डपंप में जल स्तर कम हो गया है। फिर भी लोग पानी के महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं। लोग हैंडपंप चालू कर के एक बाल्टी की जरूरत रहने पर भी व्यर्थ पानी बहा रहे हैं। पेड़ पौधे काट रहे और लगातार काटते जा रहे हैं जिससे बारिश बहुत कम हो रही है। जलस्तर कम होता जा रहा है लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं लोग अपनी आदत से मजबूर हैं लगातार पानी व्यर्थ बहा रहे हैं। पौधों को काटा जा रहा है, पेड़ नहीं लगाए जा रहे हैं, इससे बहुत कम बारिश हो रही है, जल स्तर की स्थिति बिगड़ रही है और लोग पानी के बिना संघर्ष कर रहे हैं। लोग इसके महत्व को समझने में असमर्थ हैं। एक भी पेड़ नहीं लगाने के कारण गर्मी का तापमान बढ़ रहा है और बारिश नहीं हो रही है

तेज धूप और लोग से बचने के लिए हमें फलों का जूस के पदार्थ नींबू पानी दही छाछ लस्सी इत्यादि का सेवन करना चाहिए खूब पेट भरकर पानी पीकर बाहर निकलना चाहिए एवं 10:00 बजे से 3:00 बजे तक डायरेक्ट धूप में नहीं आना चाहिए बच्चों और मरीज को घर से बाहर बिल्कुल न निकलने दें मवेशियों को घर में बंद कर रखें चाय में रखें जिस की धूप से और हीट वेव्स से मरने वालों की संख्या जो बढ़ रही है उसे कंट्रोल किया जा सके धन्यवाद

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