एड्स इस नाम से हम सभी भली भांति परिचित हैं इसका पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम ' यह एक तरह का वायरस है जिसे एचआईवी के नाम से भी जाना जाता है।यह एक जानलेवा बीमारी है लेकिन आज भी लोगों में एड्स को लेकर सतर्कता नहीं है।साथ ही इसे समाज में भेदभाव की भावना से देखा जाता है। एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। दोस्तों , हम सभी को एड्स को लेकर सतर्क रहना है ,साथ ही लोगों में सर्तकता लाने की भी ज़रुरत है।साथियों, एड्स का उपचार भेदभाव नहीं बल्कि प्यार है। आइये हम सभी मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाए और लोगों में एड्स के प्रति अलख जगाए। सतर्क रहें,सुरक्षित रहें

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राजीव की डायरी को मैंने सुना जिसमें राजीव ने ऐड से संबंधित बहुत ही रोचक जानकारी दिया है एड्स एक लाइलाज बीमारी नहीं है लेकिन इससे जागरूकता ही इसका सबसे बचाव है

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दुनिया भर में 1 दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है एड्स एक ला इलाज बीमारी है।

गांव से रोजी-रोटी की तलाश में गए लोग वापस लौटते समय एड्स जैसी खतरनाक बीमारी लेकर लौट रहे हैं।

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