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उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार प्राप्त करने के अर्थों में से एक है महिलाओं को सशक्त बनाना एक जो कि महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दा है। आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी अधिकारों को प्राप्त करना मौलिक है, लेकिन महिलाओं की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखे बिना भूमि अधिकार अधूरे हैं। गरिमा को भूमि विकास के केंद्र में रखा जाना चाहिए, कानूनी और नीतिगत साधनों का उपयोग करके गरीबी का सामना कर रहे लोगों के लिए भूमि अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए काम करना चाहिए। दलित और अविवाहित महिलाओं को सशक्त बनाने पर काम करने वाले संगठन भी इसका समर्थन करते हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से कृति सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, वे हर क्षेत्र में समान भागीदार बन रही हैं, लेकिन कई कारण हैं कि उन्हें पुरुषों की तुलना में अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव और उत्पीड़न की समस्याओं से गुजरना पड़ता है, इसलिए संविधान ने महिलाओं को कई अधिकार दिए हैं जो उन्हें पुरुषों के साथ समान शर्तों पर रहने की अनुमति देते हैं। महिलाओं को छह महीने का प्रसूति अवकाश मिलता है, इस दौरान महिलाएं पूरे वेतन की हकदार होती हैं। यह कानून हर सरकारी और गैर-सरकारी कंपनी पर लागू होता है। उच्चतम न्यायालय ने सभी महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार दिया है।
उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि पेड़ भोजन देते है । पर्यावरण के लिए पेड़ लगाना बहुत ज़रूरी है और मनुष्य के लिए पेड़ फायदेमंद है। पेड़ देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। पेड़ अपना खुद का अतिरिक्त मूल्य बनाते है। पेड़ बेकार भूमि को अच्छा बना देता है। गर्मियों में जंगल में सुकून मिलता है
उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कई क्षेत्र में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता है। हमलोग की नैतिक जिम्मेदारी है कि महिलाओं को सम्मान दें और उनकी रक्षा करें। महिलाएं बहुत योग्य है ,वो कम पैसों में भी अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से करती है। महिलाएँ अपने परिवार के प्रति हमेशा समर्पण रहती है।
उत्तर प्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से राहुल गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आपको भी ऐसा लग रहा होगा कि सूरज पहले से ज्यादा तप रहा है। सुबह 7-8 बजे ही ऐसा लगता है कि दोपहर 12 बजे की कड़क और तीखी धूप हो रही है। हालांकि जैसा हम समझ रहे है वैसा नहीं है सूरज तब भी वैसा तपता था और अभी भी वैसा ही तप रहा है। बस हमें बचाने वाली ओजोन चादर पतली हो गई है और वो हुई है ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से। दरअसल जब जीवाश्म ईंधन जलाते हैं, तो कार्बन प्रदूषण वातावरण में रहता है, एक कंबल की तरह काम करता है और गर्मी में फंस जाता है। आज, वायुमंडल में इतना ज्यादा कार्बन प्रदूषण है कि इसकी वजह से मौसम में बदलाव आ रहा है और गर्मी बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से राहुल गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दुनिया भर में पड़ रही भीषण गर्मी को वैज्ञानिक विनाश का संकेत मान रहे हैं। मौसम की गतिविधियों के जानकार बताते हैं कि भौगोलिक तौर पर भारत के बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली हीट वेव यानी लू 100 साल में कभी एक बार चलती है। लेकिन इंसानी भारत के अलावा अब ये दुनिया के कई देशों को प्रभावित कर रही है यहां तक कि ठंडे देशों में भी भीषण गर्मी का अनुभव हो रहा है। जलवायु परिवर्तन से इस गर्मी के बढ़ने की संभावना 30 गुना तक बढ़ी है।
अभी भी महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता है। हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि महिलाओं को सम्मान दें और उनकी रक्षा करें। अधिनियम के तहत, विभिन्न विभागों के प्रमुखों और स्थानीय शिकायत समिति के सदस्यों द्वारा महिलाओं को जीवन जीने की कला सिखाती है।मुख्य बात यह है कि महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कई नियम बनाए गए हैं। ऐसे कई नियम हैं जिन्हें हम नहीं जानते हैं। यह एक विशेष कानून है जो बनाया गया है ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं का शोषण न हो
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से राहुल गुप्ता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि पर्यावरण के असंतुलन के कारण लोग पेड़ काट रहे हैं। गर्मी के कारण चार्म रोग भी बहुत बढ़ गया है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से राहुल गुप्ता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लैंगिक भेद ज्यादा तर गाँव में देखने को मिलता है। लोग लड़के को तो पढ़ाते है लेकिन लड़कियों को केवल चूल्हा चौका और रसोई के काम और एक स्थान तक सीमित रखता है।