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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि अगर कई लोग कांवड़ियों के साथ यात्रा पर जाते हैं तो अक्सर हमने देखा है कि वे किसी ढाबा में या कहीं नाश्ते के लिए रूकते है , फिर उनके बीच धर्म को लेकर विवाद होता है और यदि आप किसी भी मुद्दे को कहीं न कहीं देखते हैं, तो अक्सर कोई विवाद होता है जो इस तरह से होता है कि बहुत तनाव होता है। यही कारण है कि हम बहुत से लोगों को देखते हैं, जो जब एक साथ मिलते हैं, तो आपस में बहस करते रहते हैं और भले ही वे कांवड़िये हों, एक साथ यात्रा पर जाते हैं। जब दो-चार लोग इकट्ठा होते हैं, तो वे बाद में आपस में बहस करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर कई मुद्दों पर चर्चा होती है। अगर ऐसा होता है, तो मैं सोचता हूं कि एक साथ रहने का क्या मतलब है जब आपको बाद में बहस करनी होगी।

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उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि एक शिक्षित और सभ्य महिला और पुरुष में फ़र्क़ है ।महिला शिक्षित हो तब भी पुरुषों की हर बातों को सह लेती है पर पुरुष पढ़े लिखे न हो और महिला शिक्षित तो पुरुष इस बात को सह नहीं पाते है। अगर महिला शिक्षित रहेगी तो वक़्त के साथ हर प्रकार के आर्थिक कार्यों में हाथ बँटा सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं के शिक्षित होने से महिलाओं का शादीशुदा जीवन पर सकारात्मक प्रभाव आता है ।महिला अपने बच्चों के पढ़ाई में सहयोग कर सकती है। महिलाओं के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है। वो दो दो घरों को संभालती है

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिला शिक्षित हो या न हो महिला देवी का रूप है। वर्षों से महिला की सूझ बुझ से गृहस्थी चलती आ रही है।महिला समाज की एक इकाई है ,और इन्ही इकाई से भारतीय समाज का निर्माण होता है। आज का समाज में भारतीय नारी के लिए शिक्षा ज़रूरी है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बेटियों को पिता की संपत्ति में सामान अधिकार मिलना चाहिए।पिता बेटा और बेटी का सामान परवरिश करता है। अतः बेटी का भी हक़दार भाई के सामान है। बेटी भले ही संपत्ति का बटवारा नहीं करवाए पर बेटी हकदार है

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