उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से सरोज चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के भूमि अधिकारों को मजबूत करने के लिए हमें कानूनी और सामाजिक रूप से भूमि अधिकारों को मान्यता देने की आवश्यकता है।महिलाओं के भूमि अधिकार मिलने से घरों और समुदाय में महिलाओं की भूमिका बढ़ जाती है। महिलाओं के संकल्प को मजबूत करने में अधिक लोगो को शामिल होना चाहिए। महिलाओं को भूमि के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए, महिलाओं के भूमि अधिकार उनके मानवाधिकार हैं। महिलाओं के भूमि अधिकार प्राप्त करने की स्थिति तब चुनौतीपूर्ण हो जाती है, जब महिलाएं खुद को भूमि अधिकारों के योग्य नहीं मानती हैं। महिलायें आमतौर पर अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं होता है और जब तक उन्हें बताया न जाये तब तक उस बारे में सोचते भी नहीं है