उत्तरप्रदेश राज्य के अम्बेडकर नगर से आशिष श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार मिलने चाहिए क्योंकि महिलाओं को पुरुषों के बराबर माना जाता है अगर महिलाओं को पुरुषों के बराबर रखा जा रहा है तो महिलाओं को भी भूमि अधिकार मिलने चाहिए क्योंकि अगर महिलाओं को पुरुषों के बराबर माना जाता है तो महिलाओं को भूमि अधिकार भी मिलना चाहिए। तभी हम समाज के दायरे में अच्छे अर्थों में पुरुषों की बराबरी कर सकते हैं। वैसे, जितना हम मुंह से कहते हैं कि महिलाओं के साथ पुरुषों के बराबर व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन जब तक महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिए जाते, तब तक महिलाओं के साथ न्याय नहीं होगा।क्योंकि महिलाएं जो उनके घर और प्राकृतिक और उनकी मां दोनों की संपत्ति हैं। महिलाएं भी कुछ और जिम्मेदारियां निभाती हैं, इसलिए अगर वे चाहें तो महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए। यदि माता-पिता की बेटी में से एक बेटा है, तो सरकार को एक नियम लाना चाहिए कि बेटी और बेटे को जमीन का समान स्वामित्व मिलना चाहिए। एक अच्छा उदाहरण देने के लिए, अगर महिलाओं को अधिकार दिए जा रहे हैं, तो सबसे पहले हमें भूमि से पहल करनी चाहिए, जब तक कि भूमि का अधिकार महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं देता है।