"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ किसानों को निम्बू के पेड़ में लगे कीट का नियंत्रण करने की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे पैसों के सही निवेश के बारे में

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यह नौकरी उनके लिए है जो आदियोग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़कर रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्य करना चाहते है। इस पद पर कार्य करने का कार्यस्थल लखनऊ,उत्तरप्रदेश होगा। न्यूनतम स्नातक पास व्यक्ति जिनके पास इस पद पर कार्य करने का एवं माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में काम करने का कम से कम एक साल का अनुभव प्राप्त हो ,साथ ही अंग्रेजी और हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान रखते हो ,वे इस पद के लिए साक्षात्कार दे सकते है। चयनित व्यक्तियों को उनके कार्य अनुसार प्रतिमाह 10 हज़ार से 15 हज़ार रूपए वेतन दिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति इस पद सम्बंधित अधिक जानकारी लेने के लिए कंपनी के इस नंबर पर संपर्क कर सकते है। नंबर है : 7905099485 .

उत्तरप्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर से अलोक श्रीवास्तव अम्बेडकर नगर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की घोषणा की और बेटियों को कई तरह से लाभान्वित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। इसका लाभ कुछ हद तक बेटियों तक पहुंचा। जब स्टार्टिंग में शिक्षा अभियान शुरू किया गया था, तो उसमें से कुछ किया गया था। एक प्रभाव पड़ा, उसके बाद बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर शून्य प्रभाव पड़ा, जो आजकल समाज में देखा जा रहा है। बेटियों की सुरक्षा के लिए कई तरह के नियम और विनियम बनाए गए थे, लेकिन सुचारू रूप से। जिस तरह से रास्ता चलना चाहिए, वह नहीं मिल सका, मंच अच्छा दिया गया लेकिन नहीं बनाया गया या उसका ठीक से पालन नहीं किया गया या लोगों ने ध्यान दिया।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को कटहल की फसल में लगने वाला तना बेधक कीट नियंत्रण की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के दिनों में लत्तर वाली फसलों में लगने वाली रोग और नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...