नमस्कार दोस्तों , नमस्कार , मैं मोहित सिंह , मोबाइल वाड़ी अंबेडकर नगर न्यूज में आप सभी का स्वागत है , तो आज का विषय लकड़ी का एक टुकड़ा बिना काटे कैसे काटा जाए है । सम्राट अकबर अक्सर बीरबल के साथ कई समस्याओं पर चर्चा करते थे और उनकी बुद्धि का परीक्षण भी करते थे , जबकि बीरबल हर समस्या को बहुत ही अंतर्दृष्टिपूर्ण और दिलचस्प तरीके से हल करते थे । यह बात है कि महाराज अकबर और बीरबल दोनों शाही बगीचे में बैठे थे और दोनों एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे , फिर अचानक सम्राट अकबर के दिमाग में बीरबल का परीक्षण करने का सुझाव आया । पास के एक पेड़ की ओर इशारा करते हुए अकबर ने बीरबल से पूछा , " बीरबल , आप हमें एक बात बताइए , यह हमारे सामने का पेड़ है , क्या आप इसे बिना काटे छोटा कर सकते हैं ? " बीरबल ने सम्राट अकबर के मन को समझा और सम्राट अकबर के हाथों में लकड़ी दे दी और कहा , " महाराज , मैं इस लकड़ी को छोटा कर सकता हूँ । " एक बड़े गिरे हुए पेड़ को उठाते हुए और उसे अपने हाथ में लेते हुए , सम्राट ने अकबर से पूछा कि इनमें से कौन सा छोटा है । सम्राट अकबर ने बीरबल की चतुराई को समझा और छोटी चतुराई बीरबल को दे दी । नी बिबल , तुम लकड़ी को बिना काटे छोटा कर दो , फिर वे दोनों जोर से हंसने लगते हैं , इसलिए हमें इस कहानी से सबक मिलता है कि चाहे जो भी स्थिति हो , इससे बाहर निकलने का रास्ता दिमाग से काम करना है ।