यह आज की कहानी का शीर्षक है बकरियाँ और सियार लड़ते हैं यह बहुत समय पहले की बात है मैं आप सभी का स्वागत करता हूँ महेश सिंह मोबाइल वाणी अंबेडकर नगर समाचार दो बकरियों के बीच बहस हो गई । पास से गुजर रहा एक साधु इस झगड़े को देख रहा था । दोनों बकरियों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों आपस में लड़ने लगे । पा को भी बहुत भूख लगी थी जब उन्होंने दोनों बकरियों को लड़ते हुए देखा और उनके मुंह से पानी बह रहा था । बकरियों की लड़ाई इतनी बड़ी हो गई थी कि दोनों ने एक - दूसरे से खून बहाया था लेकिन फिर भी कोई लड़ाई नहीं हुई । दोनों बकरियों के शरीर से खून बहने लगा था । जब भूखे आदमी ने जमीन पर खून देखा तो वह उसे चाटने लगा । जैसे - जैसे वह उनके करीब आता गया , उनकी भूख और भी बढ़ती गई । जब दूर खड़े साधु यह सब देख रहे थे , जब उन्होंने सियार को दो बकरियों के बीच जाते देखा , तो उन्होंने सोचा कि अगर सियार इन दो बकरियों के करीब गया तो उन्हें चोट लग जाएगी । यानी उसकी जान भी जा सकती है । साधु बस यह सोच रहा था कि सियार दोनों बकरियों के बीच पहुँच गया है । जैसे ही बकरियों ने उसे अपने पास आते देखा , दोनों ने लड़ना बंद कर दिया और उस पर हमला कर दिया । सहने और घायल होने में असमर्थ , वह किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रहा और वहाँ से भाग गया , सियार को भागते हुए देखकर , बकरियाँ भी लड़ना बंद कर अपने घर लौट आईं , जबकि साधु भी अपने घर की ओर चला गया ।