संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त मजदूर ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आज ग्रामीण भारत बंद किया गया है. इस आलोक में दरौली भाकपा माले कार्यालय से मुख्यालय तक किसान मजदूर का संयुक्त मार्च निकाल सरकार की मज़दूर - किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आक्रोशित नारेबाज़ी के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया. मौके पर खेग्रामस के जिला सचिव शिवनाथ राम ने कहा कि किसनेों मजदूरों का 13 महीना दिल्ली में चला आंदोलन एवं उसमें किसनो के साथ मोदी सरकार समझौते किया अब किसनों का कहना हैं की सरकार वादा खिलाफी कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त मजदूर यूनियन स्कीम वर्क्सस सभी लोग सांझा मोर्चा के माध्यम से पूरे देश में आंदोलन खड़ा हुआ है। यह इतिहासिक आंदोलन है। इस आंदोलन से जो सवाल है इस सवाल को हल करना होगा या सत्ता से जाना होगा। फैसला मोदी सरकार को करना है। वहीं मार्च के माध्यम से सभी मज़दूरों को न्यूनतम वेतन 26 हज़ार एवं 10 हज़ार रूपये मासिक पेंशन देने, पेट्रोल- डीज़ल एवं अन्य दैनिक उपयोगी वस्तुओं की बढ़ती क़ीमतों पर रोक लगाने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, जीवनदायिनी दवाईयों एवं चिकित्सा उपकरणों पर लगाई गई 18 प्रतिशत जीएसटी हटाते हुए बेहतरीन एवं किफ़ायती चिकित्सा व्यवस्था करने जैसी उनकी मांगे शामिल हैं।मौके लालबहादुर कुशवाहा, बचा भगत,जगजीतन शर्मा,कृष्णकुमार पांडये,आनंद बिहारी साहनी, रामछबीला कुशवाहा,वीरेंद्र राजभर,इंदल कुमार, केदार पंडित, श्रीराम बैठा,भान जी राम,अली अहमद,आदि लोग रहे।