हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ड्राइवर के द्वारा आहूत तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल समाप्त होने के साथ ही पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में कोयला ढुलाई और कोयला डिस्पैच कार्य सामान्य रुप से शुरू हो गया। हड़ताल समाप्त होने के कारण पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र के बचरा साइडिंग, आरसीएम साइडिंग से कोयला का डिस्पैच शुरू हो गया है। इसके साथ ही लोकल सेल के माध्यम से होने वाला कोयला का डिस्पैच कार्य भी शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि इस हड़ताल के कारण पिपरवार क्षेत्र के सीएचपी परियोजना से बचरा साइडिंग तक होने वाली कोयले की ढुलाई का कार्य पूरी तरह से ठप था। अशोक परियोजना से आरसीएम साइडिंग तक की जाने वाली कोयल की धुलाई भी पूरी तरीके से प्रभावित रही थी। सीसीएल के आम्रपाली चंद्रगुप्त क्षेत्र से सीएचपी परियोजना तक की जाने वाली कोयले की ढुलाई का कार्य भी पूरी तरीके से बंद रहा था। पिपरवार क्षेत्र में लोकल सेल के माध्यम से की जाने वाली कोयले का डिस्पैच का कार्य भी बुरी तरह से बंद रहा था, सभी चालक अपने-अपने गाड़ियों को सड़क के किनारे जहां-तहां खड़ा कर हड़ताल का समर्थन करते नजर आ रहे थे। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के द्वारा सड़क दुर्घटना को नियंत्रित करने के लिए हिट एंड रन का नया कानुन बनाया बनाया जा रहा है जिसको लेकर देशभर के ड्राइवर इस कानुन का विरोध करते हुए हड़ताल पर चले गए थे, जिसका सीधा असर पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में हाइवा डंपर से होने वाली कोयला की ढुलाई और लोकल सेल के माध्यम से की जाने वाली कोयला डिस्पैच पर पड़ रहा था। बाहर से कोयला लेने के लिए पिपरवार पहुंचे ट्रक पिपरवार क्षेत्र के अशोका परियोजना के कांटाघर के समीप दो दिनों से खड़े थे। ड्राइवर के हड़ताल से पिपरवार प्रबंधन को 20 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान ड्राइवर के द्वारा किए गए देशव्यापी हड़ताल का सीसीएल के पिपरवार प्रबंधन पर व्यापक असर रहा। इस हड़ताल के कारण पिपरवार प्रबंधन को करीब 20 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस हड़ताल के कारण बचरा साइडिंग और आरसीएम साइडिंग से होने वाले कोयले का डिस्पैच पूरी तरह से बंद थे। कोयला लोड होने के इंतजार में रेलवे रैक साइडिंग में खड़े थे, जिसके कारण रेलवे द्धारा पेनाल्टी भी लगाया गया। कोयला डिस्पैच बंद होने से साइडिंग में दो दिनों तक सन्नाटा पसरा रहा।