उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा जिला से राजा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके गाँव में पानी की बहुत समस्या है। एवं प्रधान का इस और कोई ध्यान नहीं है

हमारे देश में हर एक दिन की अपनी खास बात और महत्व है। जहां एक दिन किसी दिन को हम किसी की जयंती के रूप में मनाते हैं, तो किसी दिन को बेहद ही खुशी से। इसी कड़ी में 24 अप्रैल का दिन भी बेहद खास है।इस दिन पंचायतो में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो पंचायत की उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान को उजागर करते हैं। यह दिन 17 जून 1992 को संविधान में 73वें संशोधन के पारित होने और 24 अप्रैल 1993 को कानून लागू होने की याद में मनाया जाता है। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है अगर देश में किसी गांव में कोई दिक्कत है या उस गांव की हालत खराब है, तो उस गांव की इस समस्या को दूर करने और उसे सशक्त एवं विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत ही उचित कदम उठाती है। तो आइये दोस्तों ,इस राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर हम सभी पंचायत के नियमों का पालन करे और पंचायती राज व्यवस्था का हिस्सा बन कर पंचायत के विकास में योगदान दे । मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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बबेरू कोतवाली क्षेत्र के उमरहनी गांव निवासी प्रधान हरिकल्याण सिंह के मुताबिक, 21 दिसंबर की दोपहर करीब एक बजे क्षेत्रीय लेखपाल के साथ गांव स्थित शमशान घाट की जमीन की नाप कराने गए थे। वहां गांव निवासी अजीत यादव और देवनरायन पुत्र रामबरन यादव मिले। जमीन की नाप शुरू होती, इससे पहले दोनों भाई विरोध करने लगे।

मझिला गांव की प्रधान की तहरीर पर पूर्व प्रधान समेत दो लोगो के खिलाफ गौ वंश के लिए रखी पराली जलाने की रिर्पोट दर्ज़ की गईं है।