नाम गरिमा ,उम्र 28 वर्ष ,पिन कोड 271835

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दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से रानी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि महिलाओं के सुरक्षा के लिए पुरुषों के साथ संवाद करना आवश्यक है। ग्रामीण शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर जागरूकता फ़ैलाने की आवश्यकता है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से जयलता यादव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि भारत के संविधान के अनुसार महिला और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है ।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कल का मौसम बहुत खराब था। बारिश के साथ आंधी - तूफान आया। हमें ऐसे मौसम में बच कर रहना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती से सावित्री देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जननी सुरक्षा के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। महिलाओं को एक जुट होकर इस समस्या का सामना करना होगा,तभी वो जननी सुरक्षा कर पाएंगी।आज के ज़माने में लोग सम्मान करना नही जानते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??