पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से एक महिला के जीवन में बहुत बदलाव आये है। उन्हें ये समझ आया की अपनी बहु और बेटियों को भी अच्छा जीवन देना चाहिए। जैसा परिस्थिति उन्होंने देखा है वो उनके बच्चो पर नहीं आना चाहिए। जब उन्हें हिस्सा मिला तो, ये हिस्सा उन्हें अपनी बहु और बेटियों को भी देना चाहिए। बलरामपुर जिला की रहने वाली एक महिला के पति ने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर 18x100 का प्लॉट अपने पत्नी के नाम कर दिया। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से गीता वर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटियों को पढ़ाना चाहिए। उनको आगे बढ़ाना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए की वह पढ़ - लिख कर क्या करेगी। उनको पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए।
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से गीता वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा है। इसलिए महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिलेगा तो समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा।
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से गीता वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिलेगा तो समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सीता देवी से हुई। सीता देवी यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार ज़मीन में पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से माया देवी से हुई। माया देवी यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कंचना से हुई। कंचना यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए। महिलाओं को जमीन में आधा हिस्सा मिलना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति देवी से हुई। शांति देवी यह बताना चाहती है कि जिस प्रकार पुरुषों का जमीन में हक़ होता है उतना ही हक़ महिलाओं का भी होना चाहिए।