उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से गीता वर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटियों को पढ़ाना चाहिए। उनको आगे बढ़ाना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए की वह पढ़ - लिख कर क्या करेगी। उनको पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से राजेश की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहते है कि वह किराना का दूकान चलाते है उसको आगे बढ़ाना चाहते है। दूकान बढ़ाने के लिए 5 लाख की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से राजेश की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हनुमान प्रसाद वर्मा से हुई। हनुमान प्रसाद वर्मा यह बताना चाहते है कि वह सरिया और सीमेंट का काम करना चाहते है। इस काम के लिए लगभग 50 लाख लगेगा

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू मटर की खेती के बारे में जानकारी दे रहे है । मटर की खेती के लिए अच्छे बीज,खाद सहित अन्य जानकारियों के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा आलू की फसल सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नैंसी सिंह से हुई। नैंसी बताती है कि वो आचार बनाने का प्रशिक्षण ली है और अच्छे से आचार बना लेती है। अब वो आचार का व्यापार करना चाहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रेखा देवी से हुई। रेखा बताती है कि उन्हें मंगला बाजार में दूकान खोलना है

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कलावती से हुई। कलावती बताती है कि ये साड़ी का व्यापार करती है। और अब चूड़ी का दूकान खोलना चाहती है

बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...