उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पाठक जी से हुई। पाठक जी यह बताना चाहते है कि वह कृषि का काम करते है और वह दोना - पत्तल ला व्यापार करना चाहते है। इस व्यापार में पांच लाख की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राम मनोहर से हुई। राम मनोहर यह बताना चाहते है कि वह डेरी का काम कर रहे है। उनको बिज़नेस बढ़ाने के लिए 2 लाख की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रजित राम मौर्य से हुई। रजित राम मौर्य यह बताना चाहते है कि वह खाद - बीज का व्यापार कर रहे थे उनको लोन की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नन्द किशोर विश्वकर्मा से हुई। नन्द किशोर विश्वकर्मा यह बताना चाहते कि वह लोहे का काम करते है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पंकज कुमार से हुई। पंकज कुमार यह बताना चाहते कि वह फॉर्च्यून की दूकान खोलना चाहते है। उनको एक लाख लोन की जरूरत है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए किस्म का चयन और लगाने की विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से सतीश दुबे की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रामु से हुई। रामु यह बताना चाहते है कि वह फ़ॉर्च्यून की दूकान चलाते है। उनको यह व्यापार आगे बढ़ाने के लिए 50000 रुपया की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती के जमुनहा प्रखंड से हमारे श्रोता की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से देवेंद्र वर्मा से हुई। देवेंद्र वर्मा यह बताना चाहते है कि वह मुर्गी फार्म खोलना चाहते है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा फूलगोभी की रोपाई से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

साथियों , अनेकता में एकता का प्रतीक हमारे देश भारत ने खुद में कई विविधताओं को अपने अंदर समेटा हुआ है और पुरे साल पर्व - त्योहारों से यहां का वातावरण ऊर्जावान बना रहता है। एक पर्व जाता है और दूसरा पहले से ही दस्तक देने के लिए तैयार रहता है।इसी कड़ी में आज हम मना रहे हैं - दीपों का पर्व, दीपावली। साथियों इसी दिन भगवान श्री राम 14 साल के बाद ,अपने वनवास को पूरा कर के जब अयोध्या वापस लौटे थे,तब उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने पुरे अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया था और खुशियां मनाई थी। तब से लेकर हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि को ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन पुरे घर की सफाई की जाती है और माता लक्ष्मी एवं गणेश जी की पूजा की जाती है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार रंग बिरंगे बत्तियों ,तोरण ,फूलों ,रंगोली, इत्यादि से अपने घरों को सजाते हैं और इस अवसर पर तरह - तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती है और मिठाइयां बाटी जाती है। तो दोस्तों ,आइए आज दीपावली के दिन आशावादी दीपक जला कर पूरे विश्व के लिए सुख,शांति,समृद्धि,और प्रेम की कामना करें।