उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश में शिक्षा के सभी स्तरों पर बालक-बालिकाओं के लिए समान पाठ्यक्रम, पुस्तकें और परीक्षाएँ हैं। अत: अधिकांश लोग इस प्रकार की शिक्षा के विरोधी हैं, क्योंकि उनका विचार है कि बालिकाओं की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक आवश्यकताएँ बालकों से भिन्न होती हैं। अतः एक-समान पाठ्यक्रम बालिकाओं के लिए उपयुक्त नहीं होता। इस ज्ञान-प्रधान और पुस्तक-प्रधान पाठ्यक्रम का बालिकाओं के वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं होता।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में लोगों का स्त्रियों के प्रति बहुत संकीर्ण दृष्टिकोण पाया जाता है। अशिक्षा के कारण अधिकांश व्यक्ति यह कहते हैं कि स्त्रियों को केवल घर-गृहस्थी का कार्य भार सँभालना है, इसलिए अधिक पढ़ाने-लिखाने की आवश्यकता नहीं है। शिक्षा प्राप्त करने पर स्त्रियाँ घर के काम नहीं कर सकेंगी। इस प्रकार के संकीर्ण दृष्टिकोण स्त्री-शिक्षा के प्रसार में बाधक सिद्ध हो रहे हैं।भारत में अधिकांश लोग अपने बालकों को शिक्षा नौकरी प्राप्त करने के सामाजिक कुप्रथाएँ एवं उद्देश्य से दिलाते हैं और लड़कियों को शिक्षा इसलिए देते हैं, अन्धविश्वास जिससे उनका विवाह अच्छे परिवार में हो जाए। इस अनुचित दृष्टिकोण के कारण विवाह होते ही लड़कियों की पढ़ाई बन्द करा दी जाती है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज तथा घर में स्त्री का स्थान महत्त्वपूर्ण होता है। अतः स्त्रियों का शिक्षित होना जरूरी है। आज की बालिका कल की स्त्री है, जिस पर पूरे परिवार का दायित्व होता है। अत: बालिका शिक्षा (स्त्री) भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है, जितनी बालक की शिक्षा।शिक्षित स्त्री अपने परिवार में विभिन्न मूल्यों का विकास तथा बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे सकती है।समाज के सतत् उत्थान के लिए भी शिक्षित नारियों का सहयोग आवश्यक है। सती प्रथा, पर्दा प्रथा, छुआछूत, अन्धविश्वास, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करने के लिए स्त्री-शिक्षा आवश्यक है।पुरुषों के समान अधिकार एवं कर्तव्य प्राप्त कराने तथा उनके प्रति चेतना जाग्रत कर प्रजातन्त्र को सफल बनाने की दृष्टि से स्त्री-शिक्षा का प्रसार आवश्यक है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को उनका अधिकार जरूर मिलना चाहिए।उन्हें बिजली और पानी मुफ्त मिलनी चाहिए, क्योंकि किसान महिलाओं को उनका अधिकार तभी मिल पाएगा जब उन्हें ये सारी चीजें मुफ्त मिलेंगी।सरकार से अपील है कि उनका मानदेय उन्हें दिया जाना चाहिए। यह कामकाजी महिलाओं के लिए आवश्यक है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नल के सामने नाली बना दें और कुछ दूर में सोखता गड्ढा बना देना चाहिए ताकि पानी का दुरूपयोग नहीं हो और पानी वापस जमीन में चला जाए।
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उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं का सम्मान करना सबका फ़र्ज़ है । महिलाओं का आदर करना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से सावित्री ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। महिलाएं स्वयं को बहुत कमजोर समझती हैं। लेकिन महिलाएँ कमज़ोर नहीं होती है। महिलाओं को दबाव में आ कर काम नहीं करना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से रानी सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि शरीर के लिए जल ज़रूरी है ।पानी नहीं पीने से शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा होते रहेंगे
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से रानी सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल है तो कल है तब भी लोग जल का दुरूपयोग करते रहते है।