उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्राचीन काल से कई शासक योद्धा अर्थात पुरुष प्रधान समाज के कारण महिला शिक्षा का महत्व नहीं था । किन्तु एक सदी पहले राजा राममोहन राय और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने महिला शिक्षा की शुरुआत की थी, उन्हें कई विरोध और हिंसा का सामना करना पड़ा था, लेकिन लोगों के बीच महिला शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दिया गया था। जैसे-जैसे समय बीतता गया और महिला शिक्षा में बदलाव और विकास होने लगा। महिलाएं भी इस देश की नागरिक हैं और उसे भी शिक्षा प्राप्त करने का पूरा अधिकार है जब दोनों को संविधान में समान अधिकार मिले हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में भी समान अधिकार होने चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।