उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से शीला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। प्राचीन काल से ही महिलाओं को गृहदेवी या गृहलक्ष्मी कहा जाता रहा है। प्राचीन काल में महिला शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता था, लेकिन मध्ययुगीन काल में महिलाओं का जीवन दयनीय हो गया। स्त्री को चारदीवारी तक सीमित कर दिया गया। पुरुष और स्त्री जीवन रथ के दो पहिये हैं, इसलिए पुरुष के साथ-साथ स्त्री को भी शिक्षित होना आवश्यक है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।