उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मंजू श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई।श्रोता यह बताना चाहते है कि मानसिक बिमारी को छुपाना नहीं चाहिए।बिमारी होने पर दूसरों को बताना चाहिए।इससे कई फायदे हो सकते है।जैसे की उपचार करना ,समाजिक समर्थन प्राप्त करना और दूसरों को शिक्षित करना।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शिवम् श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शिखा श्रीवास्तव से हुई।शिखा श्रीवास्तव यह बताना चाहती है कि अगर कोई व्यक्ति बहुत डरता है या चिंता करता है तो उनको मनोवैज्ञानिक या डॉक्टर से दिखाना चाहिए।यदि डर या चिंता बहुत है और ये दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है तो इसमें डॉक्टर की मदद बहुत जरूरी होती है।व्यक्ति को अपने चिंता के कारणों को डॉक्टर को बताना चाहिए।जिसके बाद डॉक्टर दवा देते हैं और आराम करने की सलाह देते हैं।आदतों में बदलाव लाते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से प्रभाकर श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के मध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहती है कि बच्चों को भी मानसिक समस्याएं हो सकती है।बच्चों में मानसिक समस्याएं बड़ों की तरह ही होती है।लेकिन उनके कुछ लक्षण अलग होते हैं।कुछ मानसिक समस्याएं माता पिता से बच्चों में आती है।बच्चों के जीवन में तनाव मानसिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं।उदासी ,चिंता ,सुस्त रहना ,रोना आदि सब मानसिक तनाव के लक्षण हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 36 वर्षीय विशाल की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से हुई। ये कहती है कि मन की बीमारी का इलाज के लिए डॉक्टर थेरेपी व दवाई का इस्तेमाल करते है।मरीज़ के सोच व व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विभिन्न तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। एंटीडिप्रेसेंट दवाई आदि का इस्तेमाल किया जाता है जो लक्षणों को नियंत्रित करती है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 26 वर्षीय शिवम श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से खुशबु श्रीवास्तव से हुई । खुशबु कहती है कि जब कोई परेशानी में रहता है तो उसे उदास या दुखी व्यक्ति कहते है।दुखी होने की स्थिति को अवसाद भी कहा जाता है ,यानि लोग डिप्रेशन में है। दुख सामान्य भावना है जो दुखद घटना के कारण हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय तक दुखी रहता है तो उसे चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह अवसाद का संकेत हो सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 21 वर्षीय शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आरव से हुई। आरव कहते है कि मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ किसी व्यक्ति का भावनात्मक ,मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सेहत से है।यह दर्शाता है कि लोग कैसे सोचते है महसूस करते है और कैसे व्यवहार करते है।

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